आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन या एमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने हज सब्सिडी हटाने की मांग को फिर दोहराया है। औवेसी ने एक ट्वीट के ज़रिये अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को टैग करते हुए कहा – नकवी जी हज सब्सिडी के नाम पर जाने वाला 690 करोड़ रुपया लड़कियों की पढ़ाई में खर्च करिए।
दरअसल एक ट्वीट के ज़रिये मुख्तार अब्बास नकवी ने कोटा बढ़ाने की जानकारी दी थी। 5 साल पहले 2012 में सऊदी अरब ने हर देश का 20 परसेंट कोटा काट दिया था क्योंकि मस्जिद का एक्सपैंशन हो रहा था। इसी पर ओवैसी ने हज सब्सिडी पर सवाल उठाते हुए उस पैसे को लड़कियों के तालीम पर खर्च करने की नसीहत दी। आपको बता दे इससे पहले भी औवेसी हज सब्सिडी का विरोध कर चुके हैं।
एक मीडिया प्रोगाम में भी उन्होंने हज सब्सिडी खत्म करने की सरकार से गुजारिश कर चुके हैं। प्रोगाम में उन्होंने कहा था कि मुसलमानो को हज के लिए सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है। अगर उनकी मदद करनी है तो उनकी शिक्षा और उनके पिछड़ेपन को दूर करने में मदद करें।
हज सब्सिडी भारत की आज़ादी से पहले से मुसलमानों को दी जा रही है। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू के दौर में 1959 में हज एक्ट के अंतर्गत ये सब्सिडी जारी रखी गई।कई लोगों की मांग रही है कि इस सब्सिडी को ख़त्म कर देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के अपने एक फ़ैसले में कहा था कि दस सालों के भीतर हज सब्सिडी ख़त्म कर देनी चाहिए।
एक आकड़े के मुताबिक, भारत सरकार हर साल एक लाख 21 हज़ार भारतीय हाजियों पर लगभग डेढ़ करोड़ डॉलर ख़र्च करती है। सब्सिडी में एयर इंडिया के किराए में रियायत और सऊदी अरब में खाने, रहने और सफ़र करने के लिए पैसै की मदद शामिल हैं।