नक़ी अहमद बेक़सूर , महाराष्ट्रा ए टी एस की ग़ैर ज़िम्मा दाराना तहक़ीक़ात का दावा

नई दिल्ली, २५ जनवरी ( पी टी आई) महाराष्ट्रा ए टी एस की जानिब से 13/7 मुंबई बम धमाकों के सिलसिला में गिरफ़्तार नक़ी अहमद के रिश्तेदारों ने कहा कि वो दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के ओहदेदारों से जिन की नक़ी अहमद दहश्तगर्द मुक़द्दमा की यकसूई में मदद कररहा था हलफ़िया ब्यान तलब करेंगे ।

नक़ी अहमद के भाई 24 साला तक़ी अहमद ने आज अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि वो और दीगर अक़रबा-ए-ने मिलकर क़ौमी इंसानी हुक़ूक़ कमीशन , क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन और मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम से रुजू होकर बेक़सूर भाई के लिए मदद तलब की है ।

उन्हों ने दावा किया कि नक़ी अहमद को ग़लत तौर पर ए टी एस ने सिलसिला वार धमाकों में फंसाया है । इन धमाकों में 27 अफ़राद हलाक हुए थे । तक़ी अहमद ने बताया कि इन का भाई बेक़सूर है वो सिर्फ़ स्पेशल सेल (दिल्ली पुलिस) की 9 दिसम्बर 2011 ता /9 जनवरी 2012 मदद कर रहा था जबकि ख़ुद पुलिस इस मुआमले में मदद केलिए नक़ी अहमद से रुजू हुई थी ।

उन्होंने कहा कि इंसाफ़ के हुसूल के लिए अदालत और दीगर तमाम फ़ोर्म से रुजू होंगे । प्रैस कान्फ़्रैंस में जामिआ टीचर्स यगानगत एसोसीएसन और समाजी तंज़ीम इनहद के नुमाइंदे भी मौजूद थे । नक़ी ने दावा किया कि दो दिन क़बल उन्हों ने स्पैशल सेल के इन दो ओहदेदारों से भी मुलाक़ात की जिन के हमराह नक़ी अहमद मुंबई गए थे और इन दोनों ओहदेदारों ने यक़ीन दहानी कराई कि इन का भाई बेक़सूर होने की वो ताईद करेंगे ।

उन्होंने अदालत में हलफ़िया ब्यान देने का तीक़न दिया और कहा कि नक़ी अहमद यक़ीनन तहक़ीक़ात में मदद कर रहा था और वो बेक़सूर है । महाराष्ट्रा ए टी एस सरबराह राकेश मारीया ने कल मुंबई में नक़ी अहमद की गिरफ़्तारी का ऐलान करते हुए कहा था कि इंडियन मुजाहिदीन सरबराह यासीन भटकल के साथ इस के रवाबित हैं और इस ने गुज़श्ता साल बाईकला में हबीब बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल किराये पर दिलाने में यसीन की मदद की थी ।

उन्हों ने बताया कि नक़ी अहमद ने ही किराया अदा किया । मारीया ने अरकान ख़ानदान के दावा को मुस्तर्द करदिया कि नक़ी अहमद बेक़सूर हैं । असातिज़ा यगानगत कमेटी की मनीषा सेठी ने कहा कि ये महाराष्ट्रा ए टी एस की ग़ैर ज़िम्मा दाराना तहक़ीक़ात का सबूत है । उन्हों ने कहा कि नक़ी अहमद को गै़रक़ानूनी तौर पर जनवरी से हिरासत में रख कर कल इन्किशाफ़ किया गया ।

ए टी एस को ये वाज़िह करना चाहिये कि आख़िर किन हालात में ये गिरफ़्तारी अमल में लाई गई । इनहद की ट्रस्टी शबनम हाश्मी ने कहा कि इस सारे वाक़िया में तहक़ीक़ाती एजेंसीयों के माबैन बरतरी का खेल साफ़ दिखाई दे रहा है । मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला को इस मुआमला में मुदाख़िलत करनी चाहीए।