नक्सलाइटस ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में डीज़ल की क़िल्लत

मोबाईल टावर्स में ख़ललअंदाज़ी से नक्सलाइटस को मदद: विज़ारत-ए-दाख़िला
नई दिल्ली 30 मई (पी टी आई) नक्सलाइटस के मोबाईल नेटवर्क़्स पर हमले ही क्या कम थे कि सयान्ती अफ़्वाज को मोबाईल टावर्स को तवानाई फ़राहम करने के लिए डीज़ल की अदम दस्तयाबी की वजह से मुवासलाती नेटवर्क़्स तवील अर्से तक ग़ैर कारकरद हो रहे हैं।

मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला के ज़राए के बमूजब महिकमा मुवासलात को हिदायत दी गई है कि मुवासलाती निज़ामों जैसे मोबाईल टावर्स पर काफ़ी निगरानी रखने को यक़ीनी बनाया जाये ताकि बाएं बाज़ू की इंतेहापसंदी के ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में मुवासलाती चैनल्स हमेशा कारकरद रह सके।

महिकमा को रवाना करदा एक तहरीर में मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला ने कहा कि उसे इत्तेला मिली है कि बाअज़ मौजूद बी ऐस एन एल टावर्स नक्सलिज़म से मुतास्सिरा इलाक़ों में तवील अर्से से ग़ैर कारकरद हैं।

हंगामी हालात की सूरत में डीज़ल की दस्तयाबी के नतीजे में जनरेटरस इस्तेमाल नहीं किए जा सकते। चुनांचे मुवासलाती निज़ामों की काफ़ी निगरानी ज़रूरी है ताकि बेहतर ख़िदमात फ़राहम की जा सकें।

एक सीनीयर नियम फ़ौजी ओहदेदार ने उसे इल्म है कि कई मुक़ामात पर टावर्स तो मौजूद हैं लेकिन डीज़ल की नाक़िस सरबराही की वजह से जनरेटरस और ऐसी दीगर सहूलतें नाक़िस देख भाल के नतीजे में कारआमद नहीं हैं। ये टावर्स बेकार होचुके हैं।

ज़राए के बमूजब मुवासलाती नेटवर्क के इस्तेहकाम के लिए उनकी देख भाल ज़रूरी है ताकि नक्सलाइटस ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में मुखबिरों से हासिल होने वाली मालूमात बरवक़्त जंगलात के ओहदेदारों को फ़राहम की जा सकें।

गुज़िश्ता 4 साल के दौरान नक्सलाइटस ने 200 से ज़्यादा टावर्स को हमलों का निशाना बनाया है, इस लिए मुवासलाती नेटवर्क की कारकर्दगी एक बड़ा चैलेंज बन गई है।

कांग्रेस क़ाइदीन पर छत्तीसगढ़ की वादी धरुबा में नक्सलाइटस हमला से 27 अफ़राद बिशमोल कांग्रेसी क़ाइद महेंद्र कर्मा हलाक और साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर वे सी शुक्ला शदीद ज़ख़मी हो चुके हैं।

अगर 3 साल पुरानी तजवीज़ पर अमल करते हुए इन इलाक़ों में बी ऐस एन एल 2,199टावर्स तंसीब करती तो सूरत-ए-हाल मुख़्तलिफ़ होती।