नई दिल्ली, 4 जून ( पी टी आई ) मर्कज़ी हुकूमत जारीया हफ़्ते एक कल जमाती इजलास तलब करेगी ताकि माविस्टों के मसले से फैसलाकुन अंदाज़ में निपटने के ताल्लुक़ से हिक्मत-ए-अमली तैयार की जा सके । यू पी ए ने छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़ा में 25 मई को माविस्टों की जानिब से किए गए हलाकत ख़ेज़ हमला पर शदीद तशवीश का इज़हार किया है जिस में अहम कांग्रेस क़ाइदीन के बिशमोल 27 अफ़राद हलाक हो गए थे । इस सिलसिलेमें एक फैसला यू पी ए की राबिता कमेटी के इजलास में किया गया जो वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह की क़ियामगाह पर मुनाक़िद हुई थी।
कांग्रेस की सदर सोनिया गांधी एन सी पी के सरबराह शरद पवार नेशनल कान्फ्रेंस के सरबराह फ़ारूक़ अबदुल्लाह और इंडियन यूनीयन मुस्लिम लीग के सरबराह ई अहमद ने इजलास में शिरकत की । इजलास में इस ख़्याल का इज़हार किया गया कि चूँकि तक़रीबन तमाम जमाअतें नक्सलाइट्स से मुक़ाबला पर यकसाँ नज़रिया रखती हैं इसलिए इस मसले से निपटने के लिए एक मुशतर्का हिक्मत-ए-अमली इख़्तेयार की जानी चाहीए ।
छत्तीसगढ़ में हुए हमले को जम्हूरियत और सारे सियासी निज़ाम की बुनियादों पर हमला क़रार देते हुए पारलीमानी उमूर के वज़ीर कमल नाथ ने इजलास के बाद सहाफ़ीयों से बात चीत करते हुए कहा कि ये हमला ऐसा है जिस पर ना सिर्फ़ यू पी ए की राबिता कमेटी का इजलास होना चाहीए बल्कि कुल जमाअती इजलास होनी चाहीए ।
उन्होंने कहा कि ये हमला चूँकि हमारे निज़ाम पर हमला है हमारी जम्हूरियत की बुनियादों पर हमला है जिस को हल करने की ज़रूरत है । ये वाक़िया हमारी जम्हूरियत और पारलीमानी उसूलों पर असरअंदाज़ होता है । इसलिए इस पर तबादला ख़्याल की ज़रूरत है ताकि इस मसले की मुस्तक़िल यकसूई को यक़ीनी बनाने के लिए एक हिक्मत-ए-अमली को क़तईयत दी जा सके ।
वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि यू पी ए की राबिता कमेटी के इजलास में इस मसले पर तफ़सीली तबादला ख़्याल किया गया है । तफ़सीली ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के बाद ये फैसला किया गया है कि एक कुल जमाअती इजलास उस वक़्त तलब किया जाये जब तमाम सियासी जमाअतों को सहूलत हो।
कांग्रेस क़ाइदीन पर हुए इस हमले पर शदीद तशवीश का इज़हार किया गया है और सियासी जमाअतों से राबिता किया जा रहा है । एक कुल जमाअती इजलास तलब करते हुए मसले पर ग़ौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुआ हमला हमारे जमहूरी निज़ाम पर हमला है और तमाम सियासी जमाअतों को आइन्दा के लायेहा-ए-अमल और हिक्मत-ए-अमली में हिस्सादार होना चाहीए ।
कमल नाथ ने कहा कि कल जमाअती इजलास 5 जून के बाद होगा जब नक्सलाइट्स से मुतास्सिरा रियासतों के चीफ मिनिस्टर्स का इजलास होने वाला है । बस्तर में हुए हमले पर कांग्रेस कोर ग्रुप के इजलास में हफ़्ते को भी ग़ौर किया गया था और वज़ीर ए दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने बस्तर इलाक़ा में शुरू की गई कार्यवाईयों के ताल्लुक़ से इजलास को वाक़िफ़ करवाया था ।
इस सवाल पर कि आया नक्सलाइट्स के किसी हमला पर इस तरह का इजलास ज़रूरी है कमल नाथ ने कहा कि ये सिर्फ़ एक नक्सलाइट हमला नहीं है । वो नहीं समझते कि इस हमले को घटाने की ज़रूरत है । छत्तीसगढ़ में जो कुछ हुआ है उस को कम करके दिखाने की ज़रूरत नहीं है ।
उन्होंने कहा कि माविस्टों से निपटने के लिए अब तक कोई हिक्मत-ए-अमली नहीं की गयी है और कुल जमाअती इजलास में किसी हिक्मत-ए-अमली को क़तईयत दी जा सकती है । इसके लिए सियासी जमाअतों से तबादला ख़्याल और उनकी तजावीज़ हासिल करना ज़रूरी है ।
उन्होंने कहा कि जब तक हुकूमत की जानिब से तमाम सियासी जमाअतों से मुशावरत नहीं की जाती उस वक़्त तक नक्सलाइट्स से निमटने किसी हिक्मत-ए-अमली को क़तईयत नहीं दी जा सकती । उन्होंने कहा कि वज़ीर ए दाख़िला नक्सलाईट्स मुतास्सिरा रियासतों के चीफ मिनिस़्टरों से दो तीन दिन में इजलास मुनाक़िद कर रहे हैं जिस के बाद कुल जमाअती इजलास तलब किया जाएगा और ये ग़ौर किया जाएगा कि हमें क्या करना चाहीए ।