रांची : माओवादियों समेत दीगर नक्सली तंजीमों को पूरी तरह से काबू में करने के लिए पुलिस हेड क्वार्टर ने नई पालिसी के तहत काम करना शुरू किया है। इसके लिए रियासत भर में पुलिस ने “ऑपरेशन सफाया” शुरू किया है। ऐसी कार्रवाई नक्सलियों के पूरी तरह से सफाया होने तक जारी रहेगा।
इस आपरेशन के निशाने पर रियासत में असर सभी नक्सली तंज़ीम खास तौर पर माओवादी, पीएलएफआई, टीएसपीसी तो हैं ही इनके स्पिलिंटर ग्रुपों पर भी पुलिस की खुसूसी नज़र है। इसे ध्यान में रखते हुए ही पुलिस ने मंसूबा बनाई है और उस पर अमल करना भी शुरू कर दिया है।
नक्सलियों के खिलाफ “ऑपरेशन सफाया” के लिए बिहार पुलिस से भी राब्ता किया गया है।
पुलिस की कोशिश है कि नक्सलियों पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाया जाए ताकि उन्हें अपना वजूद पूरी तरह से खतरे में नजर आने लगे। ऐसे में नक्सलियों को अपना मुकाम छोड़कर भागना पड़ेगा। यह भी हो सकता है कि वे सरकार की कशिस सरेंडर पॉलिसी की तरफ कशिश होकर सरेंडर करें। यह भी हो सकता है कि मुहीम के दौरान उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ की वाकिया हो और नक्सलियों को भारी नुकसान उठानी पड़े।
झारखंड में गुजिश्ता एक दो साल से नक्सली वारदात में कमी आई है। माओवादी पहले के मुकाबले कमजोर हुए हैं। ऐसे में पुलिस हेड क्वार्टर मौजूदा वक़्त को मुहीम के लिए सबसे बेहतर मान रही है। इसी वजह से “ऑपरेशन सफाया” की शुरुवात किया गया है। माना जा रहा है कि मर्क़ज़ी दाखिला वुजरा नक्सल मैनेजमेंट महकमा के आला इंटरनल सिक्यूरिटी मुशीर के. विजय कुमार के झारखंड दौरे से भी पुलिस के इस ऑपरेशन को ताक़त मिला है।
कुमार ने पुलिस से साफ तौर पर चार चीजों पर फोकस करने को कहा है, जिसमें गिरफ्तारी के लिए मुहीम चलाने, उनपर सरेंडर के लिए दबाव बनाने और नक्सलियों के खिलाफ मुहीम के दौरान जरुरत होने पर तसाद्दुम करने मतलब नक्सलियों को मार गिराने की हिदायत दिया है। इसका मकसद रियासत में अमन कायम रखना है।