नक्सलियों ने हुकूमत को दी खुली चुनौती

नई दिल्ली, 26 मई: सेक्युरिटी फोर्स की सख्ती की वजह से कुछ महीनों से शांत बैठे नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के मकसद से कांग्रेसी लीडरों के काफिले को आसानी से निशाना बना लिया।

वज़ारत ए दाखिला का मानना है कि नक्सलियों ने तीन बड़े लीडरों का कत्ल और रियासत के कांग्रेस सदर नंद कुमार पटेल व उनके बेटे को अगवा कर सरकार को खुली चुनौती दी है।

पूरे वाकिया पर नजर रख रहे वज़ारत ने रियासती पुलिस से पूरी रिपोर्ट मंगवाई है। मर्कज़ ने नीम् फौजी दस्तो (Paramilitary forces) की इजाफी कंपनियां को छत्तीसगढ़ भेजने का फैसला किया है ताकि रियासती पुलिस की कार्रवाई में कोई दखल नहीं पड़े।

वज़ीर ए दाखिला आरपीएन सिंह ने माना है कि यह बड़ा नक्सली हमला है। नक्सलियों पर अब तक सख्त सेक्युरिटी फोर्स ने नई मुहिम के तहत फौरन कार्रवाई करने के मसूबे पर काम शुरू कर दिया है।

छत्तीसगढ़ से आ रही खबरों के मुताबिक नक्सली सैकड़ों के तादाद में थे।

नक्सल मुखालिफ की कार्रवाई की बागडोर संभालने वाले वज़ारत ए दाखिला के आफीसरों ने हैरानी जताई है कि फौजी ताकत की मौजूदगी के बावजूद जंगल में इतनी तादाद में नक्सली एक साथ कैसे जमा हो गए।

वज़ारत ए दाखिला के आफीसर के मुताबिक पटेल और उनके बेटे की रिहाई के लिए नक्सलियों के साथ बातचीत का नया दौर शुरू होगा।

उम्मीद जताई जा रही है कि रियासती हुकूमत की मदद के लिए मर्कज़ से कुछ आफीसरों को रायपुर भेजा जाएगा।