मांझी ने कहा कि नक्सलियों की बंदूक का जवाब बंदूक नहीं हो सकती। हमें उनसे बातचीत करनी चाहिए। समाज के महरूम तबके के साथ अब तक जो नाइंसाफी हुआ है, उसे ठीक करना होगा। हमारा मकसद नक्सली तहरीक में शामिल लोगों को भी रोजगार मूहाइया कराना है, ताकि वे समाज की में स्ट्रीम में शामिल हो सकें। यह तभी मुमकिन है, जब हुकूमत इंसाफ के साथ तरक़्क़ी के रास्ते पर रहे। यह भी कहा कि अभी हमारे पास नक्सलियों से बातचीत को लेकर किसी तरह की तजवीज नहीं आया है, अगर तजवीज आता है, तो हम संजीदगी से गौर करेंगे।