जेनयू छात्र नजीब अहमद के लापता होने के बाद भी जब एक महीने तक पुलिस उसको नहीं ढूंढ पायी तो नजीब की माँ फातिमा नफीस ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में पुलिस जांच से असंतुष्ट होने के कारण हैबेस कार्पस याचिका दायर कर दी है।
मुद्दा खंडपीठ जस्टिस जीएस सिस्तानी और सुनीता गुप्ता के अंतर्गत है जिन्होंने दिल्ली सरकार और पुलिस को स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया है। साथ ही पीठ ने दिल्ली पुलिस को तीन दिन के अंदर जांच रिपोर्ट के साथ हाज़िर होने का भी आदेश दिया है। नजीब अहमद उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के रहने वाले हैं और जेएनयू में एमएससी पहले वर्ष के छात्र हैं। नजीब 15 अक्टूबर की रात से एबीवीपी के कुछ छात्रों द्वारा मारपीट होने के बाद से लापता हैं।
नफीस ने याचिका में लिखा है कि वो दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है और साथ ही उन्होंने जेनयू प्रशासन पर जो नजीब के लापता होने के ज़िम्मेदार है उनको बचाने का आरोप लगाया है। पुलिस कमिश्नर अलोक कुमार वर्मा ने ख़ास जांच समिति का संगठन किया था जो अब तक इस केस की जांच कर रही थी अब केस दिल्ली की क्राइम ब्रांच को दे दिया गया है।
पिछले हफ्ते क्राइम ब्रांच ने नजीब के शुरूआती कदमो का पता लगाया था जिसमे सामने आया था कि नजीब ने अपनी माँ से बात करने के बाद जेएनयू के बाहर से जामिया मिल्लिया इस्लामिया तक का ऑटोरिक्शा लिया था। जासूसों द्वारा ऑटो ड्राइवर का पता लगाने के बाद ड्राइवर ने उस जगह का भी पता बता दिया था जहां पर उसने नजीब को छोड़ा था। जेनयू से पहले नजीब जामिया में अपने किसी रिश्तेदार के पास रहता था।
इस से पहले दिल्ली पुलिस ने जो भी नजीब को सुचना देगा उसको 50,000 से पांच लाख तक की इनामी रकम देने का भी एलान किया था। लेफ्टनेंट गवर्नर नजीब जंग ने भी सीपी वर्मा को नजीब को खोजने की हर एक मुमकिन कोशिश करने का आदेश दिया था।