नई दिल्ली। 25 दिन से से लापता जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जेएनयू के छात्र नजीब के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। आठ दिन पहले एनएसयूआई छात्र नेता सनी धीमान सहित चार छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं। खबर है कि भुख हड़ताल कर रहे चारों छात्रों की हालत बिगड़ गई है। इनमें अनिल मीना की हालत ज्यादा खराब है। छात्रों ने अभी तक अनशन खत्म करने के संकेत नहीं दिए हैं।
भुख हड़ताल पर बैठे सनी धीमान का कहना है कि एक राजनीतिक रंग की वजह से पुलिस उन लड़को पर कार्यवायी नहीं कर रही है जिन्होंने नजीब को पीटा था। हम तब तक भुख हड़ताल पर रहेंगे जब तक नजीब की वापसी नहीं हो जाये।
बता दे कि इससे पहले माही मांडवी के छात्र और घटना के चश्मदीद छात्र शाहिद रजा ने भी एबीवीपी तथा जेएनयू प्रशासन पर सवाल खडे़ किए। उसने विक्रांत, अंकित और सुनील का नाम लेकर बताया कि ये लोग घटना में शामिल थे और अंकित ने वॉशरूम में नजीब के साथ मारपीट की। शाहिद रजा ने कहा कि सुरक्षा गार्ड और वार्डन की उपस्थिति में छात्रों ने नजीब से मारपीट की। जब इस मामले को लेकर हम प्राक्टर के पास गए तो उन्होंने कहा कि मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हो।
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने की मांग को लेकर धरने पर बैठने गई उसकी मां और परिवार के दूसरे लोगों के साथ पुलिस ने रविवार को बदसलूकी की और काफी दूर तक उन्हें घसीट कर ले गई। इस सिलसिले में किसी तरह के प्रोटेस्ट को रोकने के लिए पुलिस हर कोशिश कर रही है। इससे पहले इंडिया गेट में धारा 144 की वजह से पुलिस ने उन्हें वहां जमा होने की इजाज़त नहीं दी।
नजीब के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित परिजनों से मिल चुके हैं। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है। छात्रों को प्रदर्शन करने से भी लगातार रोका जा रहा है।