नटवर सिंह की किताब से नागवार एहसास: सलमान ख़ुर्शीद

सोनिया गांधी के बारे में तबसरों पर शुरू होने वाला मुबाहिसा अब भी जारी है। कांग्रेस के सीनियर क़ाइद सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि नटवर सिंह ने अपने तबसरों के ज़रिय्य् एक नागवार एहसास पैदा कर दिया है। साबिक़ वज़ीर ये भूल गए हैं कि वो ख़ुद अच्छे मुशीर और रहनुमा थे। उन्हों ने कहा कि उन्हें नटवर सिंह के सदर कांग्रेस के ख़िलाफ़ इख़तियार करदा मौक़िफ़ पर सदमा पहुंचा है।

सलमान ख़ुर्शीद ने अपने साबिक़ साथी पर तन्क़ीद की कि उन्होंने अच्छे दिनों में जिसे अपना क़ाइद तसलीम किया था, आज बुरे दिनों में इन का साथ छोड़ गए हैं, हालाँकि उन्हें उस वक़्त उनका साथ देना चाहिए था।

नटवर सिंह की किताब एक ज़िंदगी काफ़ी नहीं में उन्होंने सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ नाख़ुशगवार तबसरे किए हैं। वो सलमान ख़ुरशीद के सरपरस्त समझे जाते थे, क्योंकि उनके वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा रहने के दौर में सलमान ख़ुर्शीद भी विज़ारत-ए‍-ख़ारिजा से ही वाबस्ता थे। सलमान ख़ुर्शीद पी टी आई को एक इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नटवर सिंह को कुछ देना चाहिए,लेकिन वो सिर्फ़ हासिल करना जानते हैं।

इतनी तवील और नुमायां ख़िदमात अंजाम देने के बाद उन्हें अपना मौक़िफ़ तबदील करने की तरग़ीब किस बात से मिली? ये वही बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उन्हें भूल कर तेज़ी से आगे बढ़ जाना चाहिए, जैसा कि वो भूल चुके हैं कि माज़ी में वो क्या कररहे थे।

एक सवाल के जवाब में जो नटवर सिंह के बारे में था, सलमान ख़ुरशीद ने कहा कि ये किस ने कह दिया कि राहुल गांधी के मश्वरे पर सोनिया गांधी ने विज़ारत-ए-उज़मा क़बूल करने से इनकार कर दिया था? क्या वो इस तबादला-ए-ख़्याल में शामिल थे? सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि हम जो कुछ सोनिया गांधी से सुनते हैं और जो कुछ वो बरसर-ए-आम कहती हैं, उसी पर यक़ीन करना चाहिए।

अगर कोई बात बार बार दुहराई जाये तो अगर वो झूट है तो सच नहीं बन जाएगी। उन्होंने कहा कि उस वक़्त उनका मक़सद और उनकी मंज़िल वही थी जो सोनिया गांधी को पसंद थी, लेकिन अब उन्हें क़ौमी मुफ़ाहमत याद है।