गिरिडीह जिले के जमुआ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली वाकिया घटी है। नेढ़ो तरिया में बाराती बनकर पहुंची देवघर की सात साला बच्ची का गांव के विजय यादव और एक दीगर अफराद ने पहले यरगमाल किया, फिर उसके साथ इशमतरेज़ि किया। इसके बाद बारात मुकाम से डेढ़ किमी दूर बच्ची को फेंक दिया। विजय तीन बच्चों का बाप है।
संगीन हालत में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुलिस केस दर्ज करने के बाद इलाज की बात कही। इस दरमियान बच्ची की हालत बिगड़ती चली गई। आखिरकार अहले खाना फिर जमुआ पहुंचे और थाने में केस दर्ज किया। इसके बाद गिरिडीह सदर अस्पताल में मुतासीर बच्ची का दो दिनों तक इलाज चला। हालत में बेहतरी नहीं होने की वजह से डॉक्टरों ने बच्ची को रिम्स रेफर कर दिया। मंगल की सुबह पांच बजे अहले खाना बच्ची को लेकर रिम्स पहुंचे। यहां डॉ. जसिंता मिंज के लेबर वार्ड में मुतासिरा का इलाज चल रहा है। उसकी हालत में बेहतरी है। पांच दिन बाद भी मुतासिरा का पुलिस ने बयान नहीं लिया है।
इधर, अहले खाना ने हुकूमत और अदालत से मुल्ज़िम को मौत की सजा देने की मुतालिबात की है। मुतासिरा की वालिदा ने कहा कि मुजरिमों काे जेल की सजा नहीं होनी चाहिए। उन्हें माटी में मिला दो, ताकि दूसरी बच्ची के साथ ऐसी वाकिया न घटे। पुलिस के मुताबिक, दोनों मुल्ज़िम फरार हैं। गिरफ्तारी के लिए मुमकिन ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही मुल्ज़िम को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।