साबिक़ वजीरे आला व जदयू के सीनियर लीडर नीतीश कुमार ने राब्ता सफर की तैयारी को लेकर इतवार को दलित,महादलित और अक़लियत सेल के लीडरों के साथ बैठक की। बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि राब्ता सफर के दौरान जिला सियासी इजलास होगा। होगा.
इसमें सिर्फ पार्टी के सरगर्म और कारकुनान शामिल होंगे। सेल के सदर व पार्टी के ओहदेदारों की जिम्मेदारी है कि ऐसे कारकुनान को निशानदेही करें और सिर्फ ऐसे ही लोगों को मदउ करें। जदयू हुकूमत ने दलित,महादलित और अक़लियत की तरक़्क़ी के लिए मांसबे बनायी है और में स्ट्रीम से जोड़ने का काम किया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुल्क की सियासी एक खतरनाक दौर से गुजर रही है। समाज में दुश्मनी व जोश की सियासत से इत्तिहाद और भाईचारा को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इससे हमारा जम्हूरियत कमजोर होगा। ऐसे अनासिर को शिनाख्त कर उनकी साजिश नाकामयाब करनी होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा फिरका परस्त पार्टी है और नफरत की जहर फैलाती है। इसकी दवा सामाजवादी ख्याल में है और इसके बारे में राब्ता सफर के दौरान कारकुनान को बताया जायेगा। नीतीश कुमार ने कहा कि राब्ता सफर में सियासी प्रोग्राम का मकसद सरगर्म कारकुनान को पार्टी के ख्यालों से जानकारी कराना है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार को खुसुसि रियासत का दर्जा मिलता है,तो रोजगार के मौक़े बढ़ेंगे। नौजवानों को नौकरियां मिलेगी। सनअति कारोबार खड़े होंगे। इसलिए इस मुद्दे पर भी हमें मरकज़ से सवाल पूछना है। मरकज़ी हुकूमत वादाखिलाफी कर रही है। लोकसभा इंतिखाब में जो वादा किया था। उससे मुकर रही है। प्रोग्राम में इन बातों पर बहस की जायेगी। दूसरे मरहले में एसेम्बली हल्के वार रैली की जायेगी, जिसमें हिमयतों की हिस्सेदारी होगी। जदयू के रियासती सदर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जिला सियासी सम्मेलन में मुल्क की मौजूदा फिरकापरस्त सियासी की पोल खोली जायेगी। जिन लोगों ने लोकसभा इंतिख़ाब में लंबी चौड़ी बात करके मोह लिया वे अब बिहार को इसका हक देने से कतरा रहे हैं।