इंसान अगर खाने पीने में एहतियात बरते और ज़िंदगी के हर मुआमले में संजीदगी अख़्तियार करते हुए सेहत मंद आदतों को अपनाए तो बीमारियां उस से दूर रहती हैं हमारी सेहत को नुक़्सान पहुंचाने में मुर्ग़न ग़िज़ाओं के बेतहाशा इस्तेमाल का अहम रोल है। इस वजह से सरकारी और ख़ान्गी हॉस्पिटलों में शूगर बी पी, अमराज़े क़ल्ब, ज़हनी तनाव और जिल्दी अमराज़ से मुतास्सिरा मरीज़ों की कसीर तादाद देखी जाती है।
इन ख़्यालात का इज़हार रोज़नामा सियासत के महबूब हुसैन जिगर हॉल में गेहूं की घास के जूस की अहमियत के ज़ेरे उनवान मुनाक़िदा डी सरयाल रेड्डी के लेक्चर के मौक़ा पर अपने ख़िताब में एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने किया। सियासत के ज़ेर एहतेमाम मुनाक़िदा इस लेक्चर की समाअत के लिये मर्द और ख़्वातीन की कसीर तादाद उमड पड़ी थी और महबूब हुसैन जिगर हॉल अपनी तंग दामिनी का शिकवा कर रहा था।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने अपना सिलसिला ख़िताब जारी रखते हुए कहा कि ख़राब ग़िज़ाई आदतों के बाइस लोग ख़तरनाक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ईलाज और अदवियात महंगे होने के नतीजा में आम आदमी की ज़िंदगी अजीरन बन गई है। किसी का बीमार पड़ना भी एक बहुत बड़ी आज़माईश है। ऐसे में लोग सुन्नते नबवी पर अमल करते हुए अपनी ज़िन्दगियों को सेहतमंद बना सकते हैं।
उन्हों ने शुर्का को याद दिलाया कि शादी ब्याह में दौलत मंद माँ बाप बहुत किस्म की ग़िज़ाई डिशेस से मेहमानों की तवाज़ो कर रहे हैं अगर वो अपने बच्चों की शादियों के मौक़ा पर इसराफ़ से बचते हुए किसी एक दुख़्तरे मिल्लत की शादी की ज़िम्मेदारी लेते हैं तो मुआशरा में एक सेहत मंद इन्क़िलाब बरपा होगा।
उन्हों ने मज़ीद कहा कि आज अवाम को सस्ती अदवियात की ज़रूरत है ऐसी दवाएं जो बाआसानी दस्तयाब हों और जुड़ी बूटी की दवाएं अपनी एक अलाहिदा पहचान और इन्फ़िरादियत रखती हैं।
इस मौक़ा पर उन्हों ने शुर्का को अपने घरों में गेहूं की घास उगाने का तरीका भी बताया और कहा कि निहार पेट इस जूस के इस्तेमाल से आप कई बीमारियों पर क़ाबू पा सकते हैं यही वजह है कि गेहूं के जूस को डॉक्टरों का डॉक्टर कहा गया है।
ये उन लोगों के लिये भी फ़ायदेमंद है जो बर्सों से ज़ख़्मों में मुबतला हों। मुहम्मद रियाज़ अहमद और फ़ैज़ मुहम्मद असग़र ने कार्रवाई चलाई। लेक्चर में एक अरब मेहमान डॉक्टर अज़ उद्दीन बिन ज़ग़ेबा और मुत्तहदा अरब इमारात में मुक़ीम मौलाना सैयद हाशिम भटकल नदवी भी मौजूद थे।