नया साल नई उम्मीदें

साल 2013 मुत्तहदा आंध्र प्रदेश की तारीख का आख़िरी सफ़र साबित होसकता है क्यूंकि मर्कज़ी हुकूमत के फैसले के मुताबिक़ आंध्र प्रदेश की जुग़राफ़ियाई तक़सीम 2014 में यक़ीनी होगी।

इस तरह मुत्तहदा आंध्र प्रदेश में 2014 नए साल के इस्तिक़बाल का आख़िरी जश्न होगा और नई रियासत तेलंगाना में 2015 का इस्तिक़बाल किया जाएगा।

मर्कज़ के मंसूबे के मुताबिक़ अगर सारी कार्रवाई इत्मीनान बख़श अंदाज़ से मुकम्मिल होजाए तो इमकान हैके 2014 के आम चुनाव से पहले ही तेलंगाना रियासत वजूद में आजाएगी और मुत्तहदा रियासत के 58 साला तारीख का बाब ख़त्म होजाएगा।

आंध्र प्रदेश मुल्क की पहली रियासत थी जिसे 01 नवंबर 1956 लिसानी बुनियादों पर तशकील दिया गया और इस में साबिक़ आंध्र रियासत और हैदराबाद स्टेट के इलाक़ों को शामिल करते हुए नई रियासत तशकील दी गई।

1953 में आंध्र रियासत को उस वक़्त की मद्रास प्रेसीडेंसी से अलाहिदा करते हुए करनूल इस का दारुउल हुकूमत मुक़र्रर किया गया। बाद में आंधर और हैदराबाद स्टेट के तेलुगु बोलने वाले अवाम के लिए एक रियासत की ज़रूरत को महसूस करते हुए 1956 के आंध्र प्रदेश का जन्म हुआ।

1953 में ही हैदराबाद स्टेट के इलाक़ों को आंध्र स्टेट के साथ ज़म करने की तजवीज़ पेश की गई और हैदराबाद स्टेट के चीफ मिनिस्टर बी राम कृष्णा राव‌ ने कांग्रेस हाईकमान की इस तजवीज़ की ताईद की जबकि तेलंगाना इलाके से उसकी मुख़ालिफ़त की जा रही थी।

इंज़िमाम की तजवीज़ क़बूल करते हुए आंध्र स्टेट असेंबली में 25 नवंबर 1955 को क़रारदाद मंज़ूर करते हुए तेलंगाना के मुफ़ादात की तकमील का वाअदा किया गया। 20 फरवरी 1956 को तेलंगाना और आंध्र क़ाइदीन के दरमियान इंज़िमाम का मुआहिदा किया गया और तेलंगाना के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ के वाअदे किए गए।

इस सिलसिले में दोनों इलाक़ों के चीफ मिनिस्टर बी गोपाल रेड्डी और बी राम कृष्णा राव‌ के दरमियान भी मुआहिदा पर दस्तख़त किए गए। हैदराबाद स्टेट के दारुउल हुकूमत शहर हैदराबाद को रियासत आंध्र प्रदेश का दारुउल हुकूमत मुक़र्रर किया गया।

आंध्र प्रदेश की तशकील के 13 बरसों तक सारे मुआमलात ख़ुशउसलूबी के साथ चल रहे थे। ताहम 1969 में तेलंगाना इलाके में अलहिदगी की तहरीक शुरू हुई।

तेलंगाना अवाम ने शरीफ़ाना मुआहिदे और दुसरे वादों की तकमील में नाकामी का इल्ज़ाम लागते हुए अलाहिदा रियासत की मांग की। उस वक़्त के सफ़ अव्वल के रहनुमा डॉक्टर एम चन्ना रेड्डी ने तेलंगाना प्रजा समीति क़ायम करते हुए तहरीक की क़ियादत की।

इसी दौरान अलाहिदा तेलंगाना की तहरीक शिद्दत इख़तियार करूं और तशद्दुद में 350 से ज़ाइद अफ़राद हलाक हुए। 1972 में आंध्र और राइलसिमा इलाक़ों में जय आंध्र तहरीक का आग़ाज़ हुआ जो तेलंगाना तहरीक के जवाब में शुरू की गई थी।

मर्कज़ी हुकूमत ने 23 दिसमबर 2009 को तशकीले तेलंगाना का अमल रोकने का एलान किया। मर्कज़ की तरफ से एलान से इन्हिराफ़ के बाद तेलंगाना तहरीक ने ज़बरदस्त शिद्दत इख़तियार करली और आख़िर कार कांग्रेस वर्किंग कमेटी और यू पी ए राबिता कमेटी ने 30 जुलाई 2013 को अलाहिदा तेलंगाना रियासत की तशकील का फैसला करलिया। इस के बाद मर्कज़ी काबीना ने भी रियासत की तक़सीम की तजवीज़ को मंज़ूरी देदी है।

तेलंगाना मुसव्वदा बिल सदर जमहूरीया की तरफ से असेंबली की राय हासिल करने के लिए रवाना किया गया है और तवक़्क़ो है कि 3 जनवरी से शुरू होने वाले असेंबली मीटिंग में इस पर मुबाहिस होंगे।

सदर जमहूरीया मुसव्वदा बिल को ज़रूरी तरमेमात की तजवीज़ के साथ दुबारा मर्कज़ी हुकूमत को रवाना करेंगे जहां बिल को क़तईयत दी जाएगी और पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा।

मर्कज़ के सख़्त गैर मौक़िफ़ को देखते हुए इस बात का इमकान है कि 2014 में मुल्क की 29 वीं रियासत तेलंगाना क़ायम होजाएगी।