झारखंड के इंजीनियर नयी टेक्नॉलॉजी की ट्रेनिंग नहीं ले पा रहे हैं। यहां तक कि इंडियन रोड कांग्रेस की तरफ से होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी वे हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। तीन साल से यहां से किसी भी इंजीनियर को सड़क व पुल तामीर की ट्रेनिंग के लिए बाहर नहीं भेजा गया है।
इस तरह वे जदीद टेक्नोलॉजी से वाकिफ नहीं हो पा रहे हैं। उनको जदीद आलात के बारे में प्रैक्टिकल इल्म हासिल नहीं हो पा रहा है। पहले इंजीनियरों को हर साल इंडियन रोड कांग्रेस की तरफ से मुनक्कीद ट्रेनिंग प्रोग्राम में भेजा जाता था। 15-20 इंजीनियर ट्रेनिंग में जाते थे। रियासती हुकूमत की तरफ से इंजीनियरों का सलेक्शन कर ट्रेनिंग के लिए वहां भेजा जाता रहा है।
वहां मुल्क भर के इंजीनियर आते हैं। इसमें मुल्क और गैर मुल्क की बड़ी कंपनियां अपना स्टॉल लगाती हैं। इसमें नयी टेक्नोलॉजी व नये आलात से वाकिफ कराया जाता है। मुल्क के बड़े इंजीनियर व माहेरीन अपने एक्सप्रीयेंस शेयर करते हैं।