नरेंद्र मोदी की दरिंदगी बेनकाब इशरत जहां ईनकौनटर फ़र्ज़ी

अहमदाबाद । 22 । नवंबर (पी टी आई) नरेंद्र मोदी हुकूमत को आज ज़बरदस्त धक्का पहुंचा जबकि 2004 इशरत जहां मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात कर रही स्पैशल इनवैस्टीगेशन टीम (ऐस आई टी) एस नतीजा पर पहुंची कि कॉलिज की इस तालिबा को फ़र्ज़ी इन्कौन्टरमें हलाक किया गया । चुनांचे गुजरात हाईकोर्ट ने इस मुक़द्दमा मैं मुल्ज़िम पुलिस मुलाज़मीन के ख़िलाफ़ ताज़ा एफ़ आई आर दर्ज का हुक्म दिया।

ऐस आई टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इशरत जहां और दीगर तीन को 15 जून 2004 -ए-एनकाउंटर की तारीख़ से पहले ही हलाक करदिया गया था । जस्टिस जीवंत पाटल और जस्टिस अभीलाशा कुमारी पर मुश्तमिल डीवीझ़न बंच ने दफ़ा 302 (क़तल केलिए सज़ा) के तहत अलहदा एफ़ आई आर दर्ज करने का हुक्म दिया और कहा कि ये एफ़ आई आर मुताल्लिक़ा पुलिस स्टेशन में इन पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ दर्ज की जानी चाहीए जो इशरत जहां और दीगर को हलाक करने में मुलव्विस थे। ऐस आई टी ने ईनकौनटर के ताल्लुक़ से अपनी तहक़ीक़ाती क़तई रिपोर्ट 18 नवंबर को हाईकोर्ट में पेश की थी ।

अदालत उस वक़्त ये जायज़ा ले रही है कौनसी मर्कज़ी एजैंसी सी बी आई या उन आई ए दूसरा एफ़ आई आर दर्ज करने के बाद मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात करसकती है। इस ज़िमन में अदालत ने दरख़ास्त गुज़ारों और रियास्ती हुकूमत से तजावीज़ तलब की है। अदालत ने कहा कि तहक़ीक़ाती एजैंसी को ये मालूम करने की ज़रूरत है कि ईनकौनटर में कलीदी रोल किस ने अदा क्या । इस के मुहर्रिकात क्या हैं और चार अफ़राद की मौत का सही वक़्त कौनसा था । ऐस आई टी टीम आर आर वर्मा की क़ियादत में इस मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात कर रही है ।

इस टीम के दीगर दो अरकान में आई पी ऐस ओहदेदार मोहन झा और सतीश वर्मा शामिल हैं। 19 साला इशरत जहां जो एक कॉलिज की तालिबा थी, उसे जावेद शेख़ उर्फ़ प्रणेश पली, अमजद अली राना और ज़ीशान जौहर के हमराह अहमदाबाद क्राईम ब्रांच ने 15 जून 2004 -ए-को हलाक किया था । क्राईम ब्रांच ने इस वक़्त दावा किया था कि ये चारों लश्कर-ए-तुयेबा के अरकान हैं और चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को हलाक करने के मिशन पर आए हुए थे। मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट एस पी तमंग की अदालती तहक़ीक़ाती रिपोर्ट 7 सितंबर 2009 -ए-को पेश की गई जिस में कहा गया कि ये ईनकौनटर फ़र्ज़ी था और पुलिस ओहदेदारों ने अपने फ़ायदा केलिए उन्हें मौत की नींद सुला दिया।

इस हस्सास मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात रास्त गुजरात हाईकोर्ट की निगरानी में अंजाम दी गई जिस ने गुज़श्ता साल ऐस आई टी तशकील दी ताकि ईनकौनटर के ताल्लुक़ से सच्चाई का पता चल सके और दरुस्त तहक़ीक़ात यक़ीनी होसकी। इशरत जहां की वालिदा शमीमा कौसर और जावेद शेख़ के वालिद गोपी नाथ प्ले ने एनकाउंटर के ख़िलाफ़ अदालत में दरख़ास्त दाख़िल की थी । इस मुक़द्दमा के मुल्ज़िमीन मैं साबिक़ा जे सी पी (क्राईम ब्रांच) पी पी पांडे , मुअत्तल डी आई जी डी जी वंज़ारा , साबिक़ ए सी पी जी ईल सिंघल और ए सी पी उन के अमीन (तमाम आई पी ऐस ओहदेदारान) शामिल हैं। इस इन्कौन्टरमें जुमला 21 मुलाज़मीन पुलिस बशमोल आई पी ऐस ओहदेदारान मुलव्विस हैं।

वंज़ारा और अमीन सुहराब उद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी इन्कौन्टरमुक़द्दमा और उन की अहलिया कौसर बी के क़तल में मुल्ज़िम हैं और इस वक़्त जेल की सलाखों के पीछे हैं। जावेद शेख़ के वालिद गोपी नाथ प्ले ने अदालत के फ़ैसला का ख़ैर मक़द्दम करते हुए कहा कि ख़राबी सेहत के बावजूद उन्हों ने जो तवील जद्द-ओ-जहद की ऐसा महसूस होरहा है कि ये जद्द-ओ-जहद रंग लाई है। वो इंसाफ़ के लिए कोशिश करते आरहे हैं और उन्हें ख़ुदा-ओ-अदलिया पर भरपूर यक़ीन है। 72 साला गोपी नाथ प्ले ने यक़ीन ज़ाहिर किया है कि आज़ादाना तहक़ीक़ात से सच्चाई बेनकाब होगी।