नरेंद्र मोदी को उनकी ही रियासत में आम आदमी पार्टी का ज़बरदस्त चैलेंज

नरेंद्र मोदी को उनकी ही रियासत और उन के गढ़ समझे जाने वाले हलक़े में चैलेंज किया जा सकता है। इस पयाम को आम करने में आम आदमी पार्टी लीडर अरविंद केजरीवाल ने कामयाबी हासिल करली है। केजरीवाल के चार रोज़ा दौरा गुजरात के बाद रियासत में मिसाली तरक़्क़ी से मुताल्लिक़ नरेंद्र मोदी के दावो को झूटा साबित कर दिया गया है।

तजज़ियाकारों ने ये राय ज़ाहिर की। आम आदमी पार्टी सरबराह ने पेशगी मुलाक़ात का वक़्त लिए बगै़र नरेंद्र मोदी से मिलने उनकी रिहायश गाह पहूंचे। उनके हमराह टी वी कैमरों की कसीर तादाद भी थी और वो मोदी से 17 सवाल पूछना चाहते थे। केजरीवाल के इस दौरे को मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से रोकने की कोशिश की गई लेकिन अपने धन की पक्की पार्टी और इस के कारकुनों ने गुजरात में कांग्रेस की पैदा करदा सियासी ख़ला को पुर करते हुए मोदी के लिए चैलेंज खड़ा कर दिया है।

कनपुर में केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के लिए चैलेंज खड़ा किया था कि वो वाराणसी में उनके मुक़ाबिल इंतेख़ाब लड़ कर दिखाएंगे। अब उन्होंने मोदी को ख़ुद उनके हलक़े से यानी उनकी दहलीज़ पर पहूंच कर सीना थूकते हुए चैलेंज किया है कि वो यहां से उनका सियासी मुक़ाबला करेंगे। सियोल सोसाइटी कारकुन और सियासी तजज़ियाकार प्रकाश शाह ने कहा कि केजरीवाल का ये दौरा उनकी नफ़सियाती फ़तह है।

भावनगर यूनीवर्सिटी के साबिक़ वाइस चांसलर वदीअत जोश के मुताबिक़ अरविंद केजरीवाल ने मुतबादिल सियासत की बुनियाद डाल दी है जो कांग्रेस नहीं करसकी। गुजरात में मुतबादिल सियासत ने नरेंद्र मोदी की बुनियादों को खोखला कर दिया है। केजरीवाल ने गुजरात में पाए जाने वाले तज़ादात को आशकार कर दिया है। सब से बड़ा मोदी का ये राज़ फ़ाश कर दिया है कि गुजरात में तरक़्क़ी का दावा झूटा है।

केजरीवाल ने अपने दौरे के ज़रीये रियासत में ग़ैर बी जे पी और ग़ैर कांग्रेस की बुनियाद डाल दी है। दोनों बड़ी पार्टीयों बी जे पी और कांग्रेस को रियासत के लोक सभा इंतेख़ाबात में ग़लबा था जहां 26 नशिस्तें हैं। माज़ी के दो इंतेख़ाबात में दोनों पार्टीयों को वोट मिले थे जबकि 2004 में बी जे पी को 14 नशिस्तें मिली थीं और कांग्रेस को 12 हलक़ों पर कामयाबी हासिल हुई थी।

लेकिन 2009 में बी जे पी ने अपनी तादाद 15 तक बढ़ा ली थी। इस मर्तबा यानी 2014 में नरेंद्र मोदी मिसाली तरक़्क़ी के अपने दावे के बावजूद माज़ी की तरह कामयाबी का इआदा नहीं करसकेंगे। केजरीवाल के चार रोज़ा दौरे ने गुजरात में बी जे पी के हौसलों और कांग्रेस के वोट बैंक को कमज़ोर कर दिया है।

लेकिन ये तसव्वुर करना बेवक़ूफ़ी होगा कि केजरीवाल यहां अपना सिक्का जमाने में कामयाब होंगे। एक और समाजी कारकुन कुमार जेनी इंद्र ने जोशी की राय की हिमायत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को गुजरात में पाँच ता 6 नशिस्तें मिलेंगी।