‘नरेंद्र मोदी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं’

मुल्क से फ़िर्कापरस्ती और बदउनवानीयों पर मुश्तमिल सियासत के ख़ातमा के लिए आम आदमी पार्टी ने एक बेहतरीन मुतबादिल पेश किया है। अब ये हिंदुस्तानी अवाम की ज़िम्मेदारी है कि वो अपने मुस्तक़बिल को बेहतर बनाएं। हमारी शिकस्त से हमें तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा, लेकिन हिंदुस्तान पर इस का बेहद ख़ाशा असर ज़रूर पड़ेगा। हिंदुस्तान में ना सिर्फ़ भारतीय जनता पार्टी बल्कि कांग्रेस और दीगर सियासी जमाअतें भी फ़िर्कावाराना तफ़रीक़ के ज़रीए सियासी मुफ़ादात के हुसूल में मसरूफ़ हैं।

मुहतरमा शाज़िया इल्मी क़ाइद आम आदमी पार्टी ने आज एक ख़ुसूसी मुलाक़ात के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया। मुहतरमा शाज़िया इल्मी ने बताया कि हिंदुस्तानी अवाम को फ़िर्कावाराना ख़ुतूत पर मुनक़सिम हुए बगैर तरक़्क़ी और मुल्क की दौलत के हिसाब पर तवज्जा देनी चाहीए। उन्हों ने हालिया अर्सा में उन के मुतनाज़ा रिमार्क के मुताल्लिक़ इस्तिफ़सार पर बताया कि वो आज भी अपने ब्यान पर क़ायम हैं और उन्हें पार्टी की मुकम्मल हिमायत हासिल है।

शाज़िया इल्मी ने कहा कि आज हिंदुस्तान एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है जहां सियासी जमाअतें अपने मुफ़ादात के लिए अवाम में नफ़रत फैलाते हुए उन की तवज्जा ऐसे उमूर से हटाने की कोशिशों में मसरूफ़ हैं जो अवाम की तरक़्क़ी के बुनियादी मसाइल हैं। उन्हों ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिन नज़रियात के साथ अवाम के दरमियान है, इस का मक़सद मुल्क की सियासत को पाक करने के इलावा हिंदुस्तान को हक़ीक़ी तरक़्क़ी याफ़्ता मुल्क बनाना है।

मोदी को उन्हों ने मुल्क के लिए इंतिहाई ख़तरनाक क़रार देते हुए कहा कि ये कैसे मुम्किन है कि एक आमिराना रवैया का हामिल शख़्स जम्हूरी मुल्क का सरब्राह बने? उन्हों ने बिलवास्ता तौर पर नरेंद्र मोदी को मुल्क की तक़सीम का मूजिब बनने की पेश क़ियासी करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी की जानिब से अहमियत दीए जाने के फ़ौरी बाद उन्हों ने पार्टी को ही मुनक़सिम कर दिया जोकि उन के मुस्तक़बिल के अज़ाइम की अक्कासी करता है।

उन्हों ने कहा कि मुल्क के सेक्यूलर ढांचा की बरक़रारी के लिए नरेंद्र मोदी यक़ीनन ख़तरनाक साबित हो सकते हैं, लेकिन हिंदुस्तान का सेक्यूलर ख़मीर इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा। शाज़िया इल्मी ने मोदी का हवा खड़ा करने के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा कि कांग्रेस मुल्क में जो हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है, इस के नतीजा में मोदी को फ़ायदा हासिल हो रहा है।

इसी तरह अरविंद केजरीवाल भी वाराणसी के राय दहिन्दों में फ़िर्क़ा वारीयत से पाक सियासत के मुताल्लिक़ शऊर उजागर करते हुए बदउनवानीयों के ख़िलाफ़ तरक़्क़ी और ख़ुशहाली की बुनियादों पर इंतिख़ाबी मुहिम में मसरूफ़ हैं। दोनों ही पार्लीमानी हल्क़ों से आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान के अवाम को काफ़ी तवक़्क़ुआत वाबिस्ता हैं।