विदेश/दिल्ली: प्रधानमंत्री बनने के बाद पूरी दुनिया नापने वाले देश के प्रधानमंत्री मोदी की जहां कुछ महीनों पहले तक इंटरनेशनल मीडिया अच्छाइयां करने में लगा हुआ था वहीं आज के दौर में वही मीडिया पर से मोदी का जादू हवा होता नज़र आ रहा है।
इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है ताज़ा अपडेट्स को देखकर जिसमें दुनिया के दो बड़े अखबारों ने मोदी सरकार को तनाशाही सोच का बताते हुए तीखी आलोचना की है। खबर के मुताबिक अखबार में बीते दिनों नई दिल्ली में दिखी ‘पीट..पीट कर मार डालने को बेताब सोच वाली भीड़’ के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इसके इलावा न्यूयार्क टाइम्स ने आर्थिक तरक्की का हवाला देते हुए कहा है अपने एक ओपएड में कहा है कि, ‘‘भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार लोगों के बीच हिंसक झड़प की वेदना झेल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और हिंदू राष्ट्र बंनाने की सोच रखने वाले इसके सहयोगी दल देश को खामोश करने के लिए उतावले हैं।’’
इसने कहा है कि टकराव ने मोदी के शासन के बारे में गंभीर चिंताएं उठाई हैं. यह आर्थिक सुधारों पर संसद में किसी प्रगति की राह में और भी रोड़े अटका सकती है। इसके इलावा अखबार ने एक अलग लेख में देशद्रोह के आरोप में जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में हुई घटनाओं का जिक्र किया है और कहा है कि पैगाम साफ है…उग्र राष्ट्रवाद के नाम पर की जाने वाकई हिंसा पर रोक नहीं है। ‘‘यहां तक कि अदालतें भी सुरक्षित नहीं हैं। “
इसके इलावा फ्रांस के मश्हूर अखबार ‘ल मोंड’ ने एक एडिटोरियल में कहा है कि मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारतीय लोकतंत्र के आकाश में संकट के बादल छाये हुए हैं। देशद्रोह के आरोप में एक छात्र नेता और एक पूर्व प्रोफेसर की गिरफ्तारी आलोचना को चुप करने के लिए उतावले हिंदू राष्ट्रवादी सरकार की ‘तानाशाही सोच’ का ताजा उदाहरण है. यह देखना विरोधाभासी है कि जो लोग(आरएसएस) हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय झंडे का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने अपने भगवा झंडे को तरजीह देते हुए लंबे वक़्त तक देश के झंडे से दूरी बनाए रखी।
इसके इलावा हिंदुस्तान के लोगों के हक़ की बात करते हुए न्यूयार्क टाइम्स ने कहा: “भारतीय नागरिकों के पास अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रयोग के लिए सरकारी धमकियों के प्रति नाराजगी जताने का अधिकार है“।
अखबार ने मोदी से अपने मंत्रियों और पार्टी को काबू करने और मौजूदा संकट को खत्म करने की सलाह भी दे डाली है।