गुजरात के चीफ मनिस्टर नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा पर चल रही सियासत के बीच खबर है कि मोदी अमेरिकी वीजा के लिए दरखास्त दे सकते हैं। दरअसल, मोदी के शिकागो में स्वामी विवेकानंद के दिए तकरीर की 120 वीं यौम पैदाइश के लिए अमेरिका जाने की उम्मीद है।
वहीं अमेरिकी वजारत खारजा की तरजुमान ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी वीजा के लिए अप्लाई करते हैं, तो उस पर अमेरिकी कानून के हिसाब से ख्याल किया जाएगा।
अमेरिकी वजीर खारजा के तरजुमान जेन पसाकी से जब यह पूछा गया कि कहीं इस फैसले के पीछे बीजेपी सदर राजनाथ सिंह का हालिया अमेरिकी दौरा तो नहीं है, इस पर उन्होंने साफ किया कि अमेरिका के वीजा नियमों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है और पुराने कानून के मुताबिक ही किसी भी दरखास्त पर फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि बीजेपी सदर राजनाथ सिंह ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया और कहा जा रहा है कि वहां उन्होंने मोदी को वीजा दिए जाने के लिए लॉबिंग की हालांकि मोदी ने कभी अमेरिका के वीजा के लिए अप्लाई नहीं किया है और माना जाता है कि अगर मोदी वीजा के लिए अप्लाई करते भी हैं तो यह खारिज हो जाएगा, क्योंकि अमेरिका में मजहबी आजादी पर बनी कमेटी की रिपोर्ट उनके खिलाफ है।
गुजरात के चीफमनिस्टर नरेंद्र मोदी को वीजा न देने के दरखास्त के साथ अमेरिकी सदर बराक ओबामा को भेजी गई हिंदुस्तानी सांसदों की चिट्ठी पर तनाजा गहरा गया है। सीताराम येचुरी के बाद कई और सांसदों ने भी कहा है कि उन्होंने इस खत पर दस्तखत नहीं किए, जबकि इस चिट्ठी को भेजने वाले मोहम्मद अदीब का कहना है कि सारे दस्तखत असली हैं।
उधर, बीजेपी सदर राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने मोदी को वीजा देने के मामले पर ओबामा प्रशासन से कोई बात नहीं की। राजनाथ ने कहा कि इस पर विचार करना अमेरिकी सरकार का काम है, यह हमारा मुद्दा नहीं है, हालांकि उन्होंने कहा कि यह बड़ी अजीब बात है कि अमेरिकी सरकार के लिए रिसर्च करने वाली कंपनी तो मोदी की तारीफ करती, लेकिन अमेरिका मोदी को वीजा नहीं देता।
राजनाथ का यह बयान उस वक्त आया जब मोदी के वीजा मामले में कांग्रेस और बीजेपी के बीच अलजाम तराशी का दौर चल रहा था।