पठानकोट
मर्कज़ी वज़ीर तहव्वुर चांद ने तहवील अराज़ी बिल से दसतबरदारी को ख़ारिज अज़ इमकान क़रार दिया है और कहा कि हुकूमत मुनासिब तब्दीलियों के लिये खुला ज़हन रखती है। उन्होंने बताया कि हुकूमत ने ये बिल मुशतर्का पारलीमानी कमेटी से रुजू करदिया है और ये कमेटी मानसून इजलास के आग़ाज़ तक अपनी रिपोर्ट पेश करदेगी।
मर्कज़ी वज़ीर समाजी इंसाफ़ ने कहा कि नरेंद्र मोदी की ज़ेरे क़ियादत एन डी ए हुकूमत के पहले साल में मआशी हालत को सुधार लिया गया है जो कि पेशरू कांग्रेस की ज़ेरे क़ियादत यू पी ए हुकूमत में कमज़ोर थी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का ये ख़ाब ( वीज़न ) है कि ज़रई शोबा में टैक्नालोजी का इस्तेमाल कर के एक सबज़ इन्क़िलाब बरपा किया जाये ताकि मुल्क की ख़ुशहाली में मुआविन साबित होसके। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में ख़वांदगी की शरह सिर्फ़ 65 फ़ीसद है जब कि तरक़्क़ी याफ़ता ममालिक में ये सद फ़ीसद है जिस के पेशे नज़र सरकारी इदारों में तालीमी निज़ाम को बेहतर बनाने की ज़रूरत है।