नरेंद्र मोदी सरकार विश्वविद्यालय परिसरों को ‘प्रयोगशालाओं’ ‘में बदल रही है: शरद यादव

नई दिल्ली। वरिष्ठ सांसद और जनता दल (यू) नेता शरद यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार पर देश भर में विश्वविद्यालयों के परिसरों को ‘प्रयोगशालाओं’ ‘में बदलने का आरोप लगाया है ताकि राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता या अभिव्यक्ति की आज़ादी जैसे भावनात्मक मामलों पर चर्चा शुरू कराई जा सके।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की चीजों के खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। शरद यादव ने यहां यूएनआई को बताया कि यह एक खतरनाक खेल है। उन्होंने कहा कि देश और जनता को राष्ट्रवाद या स्वतंत्रता या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कभी कोई संदेह नहीं रहा। श्री यादव ने गृह राज्यमंत्री किरण रिज्जू पर भी आलोचना की और कहा कि उन्हें यह बात बड़ी मूर्खतापूर्ण लगी है कि देश के गृहमंत्री को एक कॉलेज की छात्रा के कुछ टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करना पड़ा। वह गुरमहर कोर के वायरल होने के बाद श्री रिज्जू के ट्विट पर उठे विवाद का हवाला दे रहे थे।

श्री यादव ने कहा कि देश कब इतना असुरक्षित हो गया कि केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री को छात्रों की राय का जवाब देना पड़ गया। हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे श्री यादव ने कहा कि उन्हें रामजस कॉलेज में छात्रों के दो गुटों के बीच संघर्ष के ताजा घटनाक्रम पर जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ। क्योंकि मोदी सरकार पिछले ढाई साल से विश्वविद्यालयों में एक के बाद एक अन्य ऐसे प्रयोग कर रही है। यह एक विशेष प्रक्रिया है उन्होंने जेएनयू और हैदराबाद में भी ऐसा किया था। उन्होंने कहा, कि मुझे हैरानी है कि पिछले 70 साल में विश्वविद्यालयों में कभी इस तरह की घटनाएं सामने नहीं आए। यह कुछ नई प्रवृत्ति है और यह खतरनाक है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या यह ताजा विवाद जिसे भाजपा के नेता सोशल मीडिया पर बहुत बढ़ावा दे रहे हैं, इसका संबंध उत्तर प्रदेश के चुनाव से तो नहीं है। श्री यादव ने जो बड़ी साफगोई से बात करते हैं कहा मुझे अपने सवाल करने पर आश्चर्य है। चुनाव के बिना भी यह सरकार विश्वविद्यालय और कॉलेज के परिसरों में युवा के ज़हनों और छात्रों के साथ प्रयोग करती रही है।

एक अन्य सवाल के जवाब में श्री यादव ने कहा कि मूल बात यह है कि जिस तरह से किरण रिज्जू ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किए हैं उससे पता चलता है कि वह एक परियोजना के तहत काम कर रहे हैं। मगर मुझे अफसोस है कि वाजपेयी सरकार के अंदर ऐसी बातें कभी नहीं थीं। देश के उभरते राजनीतिक हालात पर केवल यूपी चुनाव के संदर्भ में उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम पर कोई अटकलें नहीं होगा मगर समय आ गया है कि सभी विपक्षी पार्टियां सहित कांग्रेस, क्षेत्रीय और कम्युनिस्ट पार्टियां अपना एक लक्ष्य बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की मौजूदा शक्ल व सूरत के खिलाफ लड़ें।