नरेंद्र मोदी सिर्फ़ ख़ाबों के सौदागर

नई दिल्ली

ठोस पोलिसी के बगै़र नेक इरादे लाहासिल । शरद यादव का रद्द-ए-अमल

जनतादल मुत्तहदा के सदर शरद यादव ने आज किसानों के मसाइब-ओ-आलाम पर वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के रिमार्कस पर एन डी ए हुकूमत को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए ये इल्ज़ाम आइद किया कि वो सिर्फ़ ख़ाब फ़रोशी में मसरूफ़ हैं और उनकी कोई पोलिसी या प्रोग्राम नहीं है।

उन्होंने कहा कि इरादों से ज़्यादा पालिसी की एहमीयत होती है और तमाम हुकूमतों का मक़सद अवाम की भलाई होता है जिस की तकमील के लिए हुकूमत की कोई पोलिसी या प्रोग्राम होना चाहिए। लेकिन मौजूदा हुकूमत के पास कोई मंसूबा, कोई पोलिसी और कोई प्रोग्राम नहीं है।

महेज़ नेक इरादे से किसानों को कोई फ़ायदा नहीं होगा। मिस्टर शरद यादव, वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के इन रिमार्कस पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर कररहे थे कि अपोज़ीशन जमातें हुकूमत के ख़िलाफ़ गुमराह कुन मुहिम चला रही हैं, हुकूमत किसान बिरादरी के मुफ़ाद के बरअक्स काम कररही है।

जबकि हुसूल आराज़ीयात के नए बिल पर तन्क़ीदों से दो-चार नरेंद्र मोदी का ये इस्तिदलाल है कि उन्होंने अपनी ज़िंदगी किसानों के साथ गुज़र बसर की है और काश्तकारों के मसाइल से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं जिस की यकसूई के लिए नेक मक़ासिद के तहत काम कररहे हैं। वज़ीर-ए-आज़म ने कल बैंगलोर में एक जलसे से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया था जिस पर अपना रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए शरद यादव ने कहा कि ठोस पोलिसी और प्रोग्राम के बगै़र नेक इरादे बेफ़ैज़ होते हैं और नताइज उस वक़्त हासिल होते हैं जब पोलिसी और इरादे मुरक्कब होजाएं लेकिन मौजूदा हुकूमत के पास पालिसी का फ़ुक़दान पाया जाता है।

हुकूमत ने 2 करोड़ मुलाज़िमतें फ़राहम करने का ऐलान किया था और इस तरह के कई एक हसीन ख़ाब दिखाए थे लेकिन इस में से एक भी शर्मिंदा ताबीर नहीं होसका। वाज़िह रहे कि शरद यादव ने क़ानून हुसूल आराज़ीयात के ख़िलाफ़ पार्लियामेंट से राष्ट्रपति भवन तक एक दर्जन अपोज़ीशन जमातों के मार्च (जुलूस) की क़ियादत की थी और ये इल्ज़ाम आइद किया था कि एन डी ए हुकूमत का ये इक़दाम किसान दुश्मन और कॉरपोरेट के मुफ़ाद में है।