नरोडा पाटिया फ़साद के मुक़ाम पर ट्रायल जज का दौरा

अहमदाबाद, ३१ जनवरी (पी टी आई) 2002 के नरोडा पाटिया फ़साद केस की समाअत करने वाले जज ने आज यहां इस मुक़ाम का दौरा किया जहां गोधरा ट्रेन आतिशज़नी वाक़िया से भड़क उठने वाले फ़िर्कावाराना फ़साद में 95 अफ़राद हलाक कर दिए गए थे।

जज ज्योत्सना याग्निक ने तहक़ीक़ाती अफ़्सर वि वि चौधरी (सुप्रीम कोर्ट की मुक़र्ररा ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम की प्रासीक्यूशन एजंसी से वाबस्ता) , स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर्स अखिल देसाई और गवर्निग वयास, मुतासरीन के वुकला वाई बी शेख और शमशाद पठान के इलावा कई दीगर वकलाए सफ़ाई के हमराह नरोडा पाटिया का दौरा किया ।

ये दौरा इस ट्रायल का हिस्सा है जो जज को ये तीन करने में मदद देगा कि वाक़ातन क्या सूरत-ए-हाल रही होगी। गोधरा ट्रेन आतिशज़दगी के बाद नरोडा पाटिया में बदतरीन नवीत के फ़सादाद देखने में आए थे। जज ने अपने दिन भर तवील दौरा में इस केस के काग़ज़ात में तहक़ीक़ाती एजेंसी की जानिब से सर अहित करदा हर गली-ओ-नुक्कड़ का मुआइना किया।

उन्हें मुक़ामी लोगों ने वो गलियां दिखाएं जहां 28 फरवरी 2002 को हुजूम ने क़यामत सुग़रा मचाई थी । जज ज्योत्सना ने बाअज़ मुतासरीन से बात भी की जो 2002 में हमलों का निशाना बने थे। उन्होंने एक बावली का मुआइना भी किया जहां बताया जाता है कि कई लोगों को हलाक कर के फेंक दिया गया ।

एक वकील वाई बी शेख ने कहा कि ये दौरा ज़ाबता फ़ौजदारी (सी आर पी सी) के सेक्शन 310 के तहत किया गया जिस में कोई भी जज ट्रायल के हिस्सा के तौर पर जाय वारदात का दौरा करसकता यह कर सकती है। उन्हों ने मीडिया वालों को बताया कि जज का एहसास है कि इस केस के तमाम पहलोओं का जायज़ा लेना और तमाम सबूतों पर बारीकी से ग़ौर करना ज़रूरी है और ये ट्रायल मुबाहिस के क़तई मराहिल में है।

जुमला 67 अफ़राद बिशमोल साबिक़ वज़ीर माया कोडनानी को ट्रायल का सामना है। नरोडा की एमएल ए कोडनानी बी जे पी हुकूमत में वज़ीर बहबूद ख़वातीन-ओ-इतफ़ाल में थीं। यहां तक कि 2009 में उन्हें गिरफ़्तार किया गया।