नरोदा पटिया नरसंहार: बीजेपी नेता माया कोडनानी बरी

नरोदा पाटिया केस में गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने माया कोडनानी को निर्देष करार दिया है। वहीं कोर्ट ने बाबू बजरंगी को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने साफ कहा है कि मौत तक बाबू बजरंगी को जेल में ही रहना पड़ेगा।

इससे पहले जस्टिस हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस केस में स्पेशल कोर्ट ने बीजेपी नेता माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 को दोषी ठहराया था।

इस मामले में माया कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास और सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

एक अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा हुई थी। निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में 29 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।

जहां दोषियों ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, वहीं विशेष जांच दल ने 29 लोगों को बरी किये जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

आपको बता दें कि 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में एक बड़ा नरसंहार हुआ था। 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना के बाद अगले दिन जब गुजरात में दंगे भड़के तो नरोदा पाटिया सबसे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां हुए दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जबकि 33 लोग जख्मी भी हुए थे।