नर्स का सर्विस रेकॉर्ड लापता

मुंबई

किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल के हुक्काम अपनी एक साबिक़ नर्स अरूना शाबनाग की सरकारी हैसियत (मौक़िफ़) के बारे में लाइलम हैं, जिस ने 42 साल क़बल जिन्सी हमले के बाद मौत-ओ-ज़ीस्त की कश्मकश के दौरान गुज़िश्ता हफ़्ते दम तोड़ दिया था। ताहम हॉस्पिटल इंतेज़ामिया अरूना का सर्विस रेकॉर्ड का पता चलाने केलिए कोशिश में है।

उन्हें रहम की बुनियाद पर मौत की नींद सुला देने केलिए तवील अर्से तक बेहस छिड़ गई थी लेकिन उनकी मौत के बाद भी मुश्किलात ख़त्म नहीं हुईं। हॉस्पिटल के डीन डाँक्टर अविनाश सोचे ने बताया अरूना की सर्विस की तफ़सीलात का पता चलाने की कोशिश जारी है चूँकि दस्त दराज़ी का वाक़िया 42 साल क़बल पेश आया था और कोई भी नहीं जानता कि उनकी मुलाज़िमत का मौक़िफ़ क्या था।

ये दरयाफ़त किए जाने पर सर्विस रेकॉर्ड कॉपता चलाने में कितने दिन मतलूब होंगे। डाँक्टर सोचे ने बताया कि ग़ालिबन एक हफ़्ता होसकता है। ताहम हॉस्पिटल के ओहदेदार ने नाम मख़फ़ी रखने की शर्त पर बताया कि ये पता चलाने की कोशिश जारी है कि 1973 में जिन्सी हमले का शिकार होने के बाद अरूना को मुलाज़िमत से सुबुकदोश करदिया गया था यह फिर रिटायर्डमेंट की तारीख तक वो मुलाज़िमत में थी और मुलाज़िमत से सुबुक़‌दोश ना किए जाने की सूरत में उनकी तनख़्वाह की तफ़सीलात और सर्विस क़वाइद बिशमोल प्रावीडेंट फ़ंड के बारे में मालूमात हासिल की जा रही हैं चूँकि ये एक क़दीम केस है ओहदेदारों को सर्विस रेकॉर्ड का पता चलाने में दुश्वारियां पेश आरही हैं। जिस वक़्त दिलख़राश वाक़िया पेश आया था उस वक़्त हॉस्पिटल में बरसरे ख़िदमत मुलाज़िमीन में से एक भी हमारे साथ अब काम नहीं कर रहा है।