रांची 8 जुलाई : नलिन सोरेन और सीता सोरेन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। दोनों झामुमो के असेंबली रुक्न हैं। नलिन जराअत घोटाले और सीता सोरेन पर सीबीआइ गवाह के अगवा और मारपीट मामले में मुलजिम हैं। असेंबली में झामुमो को अक्सरियत साबित करने के लिए कम से 41 असेंबली रुक्न की जरूरत है। झामुमो के पास 18 असेंबली रुक्न हैं।
पार्टी जराए की मानें, तो सीता सोरेन और नलिन सोरेन इन दिनों नामालूम मुकाम में हैं। गुजिस्ता दिनों एसपी को ख्राज़ तहसीन देने नलिन सोरेन आये थे, जिस पर हाइकोर्ट ने नोटिस लिया है। इस वजह से यह तय माना जा रहा है कि सामने आने पर नलिन सोरेन की गिरफ्तारी हो सकती है। ऐसे में झामुमो को असेंबली में अक्सरियत साबित करने में परेशानी हो सकती है।
ऐसी बहस है कि झामुमो के हिकमत अमली नलिन सोरेन और सीता सोरेन को सरेंडर कराने के हक में हैं। उनका कहना है कि सरेंडर कर देने पर दोनों असेंबली रुक्न वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं।
सरेंडर नहीं करने की सूरत में असेंबली के अहाते के बाहर ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। तब दोनों असेंबली रुक्न वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पायेंगे। यही वजह है कि पालिसी साज मान रहे हैं कि दोनों को सरेंडर कर देना ही मुस्तकबिल की हुकूमत के लिए बेहतर होगा और अक्सरियत भी साबित करने में कोई परेशानी नहीं होगी।