नव मुस्लिम 13 साला हनीफा,जिस ने अपने 70 साला नाना को कलमा पढ़ाया

देखो नाना दीन इस्लाम में कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं छोटे बड़े, अदना आला, गोरे काले में कोई इम्तियाज़ नहीं। अमीर हो या गरीब एक कलमा की बुनियाद पर सब भाई भाई हैं। इस्लाम में रहमदिली, सिला रहमी, इंसानों से मुहब्बत ज़ालिमों से नफ़रत और मज़लूमों की हिमायत का हुक्म दिया गया है। ईमान बहुत बड़ी दौलत है। ये दौलत जिस किसी को मिल जाए वो बड़ा ख़ुश नसीब है।

अल्लाह का नाम लो एक ही रब की इबादत करो, कलमा पढ़ कर दीन इस्लाम में दाख़िल हो जा, ये वो अल्फ़ाज़ हैं जो नव मुस्लिम वालिदैन की नव मुस्लिम 13 साला तालिबा हनीफा सना अपने गैर मुस्लिम नाना थोरिया नायक को समझाने के लिए अक्सर अदा करती थी। इस कमसिन लड़की के बार बार दावत दीन ने इस के 70 साला नाना पर ऐसा असर किया कि वो अपनी नवासी के हाथों पर इस्लाम क़ुबूल कर लिया।

अब वो थोरिया नायक की बजाय ख़्वाजा पाशा के नाम से जाने जाते हैं। उन की अहलिया ने भी अपनी मौत से सिर्फ़ एक माह क़ब्ल इस्लाम क़ुबूल किया था। देवली बाई से नसीम बेगम बनने वाली इस ख़ातून का जब इंतिक़ाल हुआ तो उन के गैर मुस्लिम शौहर मुस्लमानों के हाथों अपनी अहलिया की तजहीज़ और तकफ़ीन देकर काफ़ी मुतास्सिर हुए थे।

क़ारईन ! आज हम आप को एक ऐसे ख़ानदान से वाक़िफ़ कराते हैं जिस ने इस्लाम क़ुबूल करने के बाद जायदाद से बेदखल हो कर कसमपुर्सी की ज़िंदगी गुज़ारने को तरजीह दी लेकिन दीन पर सख़्ती से क़ायम रहा।

34 साला अब्दुल क़ादिर ( साबिक़ नाम कृष्णा नायक) अपने वालिद के साथ ट्रांसपोर्ट के बिज़नस से वाबिस्ता थे उन की ज़िंदगी बड़े आराम और बेफ़िक्री से गुज़र रही थी लेकिन उन की अहलिया कैकई बाई ने इस्लाम में दिलचस्पी लेनी शुरू की और बिल आख़िर दामने इस्लाम में पनाह लेने में कामयाब हो गई तब कृष्णा नायक भी अपनी बीवी के नए मज़हब की खूबियों के बारे में छानबीन करने लगे और जब वो मुतमइन हो गए कि इस मज़हब में तो एक ही ख़ुदा है किसी और की इबादत नहीं की जाती, किसी और के सामने सर झुकाया नहीं जाता।

तब उन्हों ने भी इस्लाम क़ुबूल कर लिया। उस वक़्त तक इस जोड़े को एक लड़का और एक लड़की पैदा हो चुके थे। सानिया कौसर (उम्र 28 साल) साबिक़ा नाम कैकई बाई ने बताया कि उन्हें इस्लाम और मुस्लमानों के बारे में अपनी बड़ी बहन से मालूमात हासिल हुईं क्यों कि उन्हों ने इस्लाम क़ुबूल करते हुए एक मुस्लिम शख़्स से शादी की थी।

इस बहन को देखते हुए और मुस्लिम बहनोई के अख़्लाक़ और किरदार से मुतास्सिर हो कर इस ख़ानदान के तक़रीबन 22 अफ़राद ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया। सानिया कौसर का कहना है कि मुस्लमानों की सादगी आपस में ख़ुलूस, पड़ोसियों के साथ उन के ग़ैर मामूली बरताव ( हुस्ने सुलूक ) मसावात, और नमाज़ों की अदाएगी का अंदाज़ उन्हें बहुत अच्छा लगता था इसी वजह से वो इस्लाम के करीब हुईं।

तब ही तो हमारे प्यारे नबी (सल) ने इरशाद फ़रमाया पाकी आधा ईमान है हमें उस लड़की और इस के माँ के ख़्यालात जान कर कोई हैरत भी नहीं हुई क्यों कि अल्लाह जिसे चाहे ईमान की दौलत से सरफ़राज़ करता है। सानिया कौसर से फ़ोन नंबर 9347358567 पर रब्त पैदा किया जा सकता है। इन का अकाउंट नंबर ये है। Sania Kouser
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