छत्तीसगढ़ के ज़िला बिलासपुर में नसबंदी ऑपरेशन के बाद मुख़्तलिफ़ हॉस्पिटलों में शरीक 122 ख़वातीन में से 28 ख़वातीन को सहतयाब होने पर घर रवाना कर दिया गया। अब उनकी हालत मुस्तहकम है। सरकारी ज़राए ने बताया कि नसबंदी कैम्प में 28 ख़वातीन मुतास्सिर होगई थीं।
मुख़्तलिफ़ दवा ख़ानों में कामयाब ईलाज के बाद गुज़िशता शाम उन्हें डिस्चार्ज करदिया गया और चीफ मिनिस्टर रमन सिंह की हिदायत पर हर एक ख़ातून को 50 हज़ार रुपये का चेक हवाले किया गया। इस मौक़े पर बलासपुर डीविझ़नल कमिशनर सोनमणि बोरा और कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल मौजूद थे और उन ख़वातीन को घरों तक पहुंचाने के लिये गाड़ियों का भी इंतेज़ाम किया गया था।
वाज़िह रहे कि बलासपुर में 8 और 10 नवंबर को मुनाक़िदा नसबंदी कैम्प में 13 ख़वातीन फ़ौत होगई थीं जब कि और दीगर मुतास्सिरा ख़वातीन के ईलाज के लिये चीफ मिनिस्टर रमन सिंह ने ख़ुसूसी इक़दामात किए गए थे। नसबंदी के बाद ख़वातीन की मौत पर अपोज़िशन कांग्रेस ने चीफ मिनिस्टर और वज़ीर सेहत अमर अग्रवाल से इस्तीफे का मुतालिबा किया था।
जिस के बाद चीफ मिनिस्टर ने मज़कूरावा क़िया की तहकीकात के लिये जुडिशियल कमीशन की तशकील दी है और नसबंदी कैम्प के इंचार्ज आर के गुप्ता और चीफ मैडिकल एंड हेल्त ऑफीसर आर के भानगे को ख़िदमात से बर्ख़ास्त कर दिया है और गैर मियारी अदवियात सरबराह करने पर महावर फार्मा प्रावैट लिमिटेड के डायरेक्टर रमेश महावर और उनके फ़र्ज़ंद समेत को गिरफ़्तार कर लिया। उनकी अदवियात पर पाबंदी आइद करदी गई है।