नसीब नगर चंदरायन गुट्टा के नसीब कब जागेंगे ?

पुराना शहर हैदराबाद को सारी दुनिया में इस के तहज़ीब-ओ-तमद्दुन दक्कनी रवायात ग़ैरमामूली (असाधारण) और फ़न तामीर की शाहकार तारीख़ी इमारतों बिशमूल चारमीनार , ख़ूबसूरत महलात , वसीअ-ओ-अरीज़ (काफी लम्बे चौड़े ) बाग़ों माहिराना अंदाज़ में बनाई गई बावलियों और यहां के मुस्लमानों के जज़बा उखुवत की हैसियत से जाना जाता है लेकिन सरकारी ओहदेदारों के तास्सुब हुकूमत की मुजरिमाना ग़फ़लत-ओ-तसाहली और अपनों की बे अमली ने इस शहर से तारीख़ी महलात वसीअ-ओ-अरीज़ (काफी लम्बे चौड़े ) बाग़ों और फ़न तामीर की शाहकार बावलियों से महरूम कर दिया है हद तो ये है कि इस शहर में मौजूद अहम सरकारी दफ़ातिर हॉस्पिटलों ( डिसपेंसरीयों ) को तक मुंतक़िल कर दिया गया ये ऐसे ही नहीं किया गया बल्कि एक साज़िश-ओ-मंसूबा के तहत पुराना शहर को नज़रअंदाज किया गया ।

हैरत की बात ये है कि हर चीफ मिनिस्टर ने अपनी मीआद के दौरान पुराना शहर का दौरा ज़रूर किया और वादों की बारिश कर दी लेकिन ये वाअदे सिर्फ़ वाअदे रह गए । चीफ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने 5 जून 2011 को शहर के कम अज़ कम 4 मुक़ामात पर मुख़्तलिफ़ तरक्कीयाती प्रोजेक्ट्स के संग बुनियाद (आधारशिला) रखे थे और इस बात का ऐलान किया था कि इन प्रोजेक्ट्स की अंदरून साल तकमील की जाएगी लेकिन अफ़सोस के एक साल गुज़र जाने के बावजूद अब तक इन मुक़ामात पर किसी भी तामीरी काम का आग़ाज़ तक ना हो सका बल्कि संग बुनियाद (आधारशिला) की तख्तियां चीफ मिनिस्टर मिस्टर एन कुमार रेड्डी के वाअदा और अवामी नुमाइंदों के खोखले दावों का मज़ाक़ उड़ा रही हैं ।

इन चार अहम प्रोजेक्ट्स में नसीब नगर चंदरायन गुट्टा में एन ए सी ( नेशनल एकेडेमी आफ़ कंस्ट्रक्शन ) की तामीर भी शामिल थी । चीफ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने 5 जून 2011 को नसीब नगर में नेशनल एकेडेमी आफ़ कंस्ट्रक्शन की तामीर का संग बुनियाद (आधारशिला) रखा था । इस मौक़ा पर इन का मुक़ामी अफ़राद ने ये सोच कर वालहाना (पुरजोर) इस्तिक़बाल किया था कि चलो पुराना शहर के इस इलाक़ा में एक बड़ा काम होने जा रहा है और इस से बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार हासिल होगा । ख़ुद चीफ मिनिस्टर ने तक़रीब (समारोह) संग बुनियाद (आधारशिला) रखने के बाद अपनी तक़रीर में बार बार यही कहा था कि पुराना शहर की तरक़्क़ी अब मिसाली रहेगी ।

इस सिलसिला में उन्हों ने पुराना शहर की बस्तियों का जुबली हिलज़ तक तक़ाबुल करने की हमाक़त तक कर डाली थी और कहा था कि जुबली हिलज़ की तरक़्क़ी तरक़्क़ी नहीं बल्कि पुराना शहर की तरक़्क़ी को हक़ीक़त में तरक़्क़ी कहा जाएगा । उन्हों ने ये भी कहा था कि नेशनल एकेडेमी आफ़ कंस्ट्रक्शन की इमारत की तामीर और इस के क़ियाम से इलाक़ा के बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार हासिल होगा ।

उन्हें मुख़्तलिफ़ फ़नून की तरबियत दी जाएगी जिस के बाद नौजवानों को बा आसानी मुलाज़मतें-ओ-रोज़गार हासिल होंगे लेकिन चीफ मिनिस्टर के वाअदे वफ़ा ना हो सके वो इसी तरह बिखर गए जिस तरह चीफ मिनिस्टर की तक़रीर उन के अलफ़ाज़ और वाअदे हवाओं की लहरों में बिखर गए थे । नसीब नगर में एन ए सी इमारत के संग बुनियाद (आधारशिला) की कीमती तख़्ती आज भी मौजूद है । अवाम का कहना है कि हुकूमत और ओहदादार जान बूझ कर पुराना शहर को नज़रअंदाज करते हैं और उन्हें पता है कि इन की लापरवाही ग़फ़लत-ओ-तास्सुब को रोकने वाला यहां कोई नहीं है ।

हुकूमत और ओहदादार ये अच्छी तरह जानते हैं कि पुराना शहर से सरकारी दफ़ातिर बर्ख़ास्त कर लें या डिसपेंसरीयां उठादें इबतदा-ए-में थोड़ी बहुत आवाज़ें उठती हैं और देखते ही देखते ख़ामोशी छा जाती है और कोई भी मसला क़िस्सा पारीना बन जाता है । अवाम के इसरार (जिद) के बावजूद किसी में इस बात की जुरात तक पैदा ना हो सकी कि पासपोर्ट का इलाक़ाई दफ़्तर पुराना शहर में भी क़ायम करवाए हालाँ कि यहां के हज़ारों नौजवान बैरून मुल्क मुलाज़मत करते हैं । अवाम अब पूछने लगी है कि चीफ मिनिस्टर अपने वाअदा कब पूरे करेंगे ।

वैसे भी अब किरण कुमार रेड्डी का दौरा पुराना शहर नामुमकिन ही लगता है । इस लिये कि वो पुराना शहर का दौरा किस मुंह से करेंगे । अवाम उन से उन कामों के बारे में दरयाफ़त ज़रूर करेगी जिस के संग बुनियाद (आधारशिला) रखे एक साल हो चुका है लेकिन तामीरी काम शुरू ही ना होसका ।