उत्तर प्रदेश के वज़ीर-ए-आला मायावती अपने मोतमिद ख़ास कहे जाने वाले रियास्ती वज़ीर नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी को उत्तर प्रदेश लोक आयुक़्त की रिपोर्ट की बुनियाद पर वज़ारती कौंसल से हटाती हैं कि नहीं ये सवाल सयासी हलक़ों में किया जा रहा है।
अभी तक लोक आयुक़्त की रिपोर्ट पर मायावती अपनी वज़ारती कौंसल के एक दर्जन से ज़ाइद वुज़रा को हटा चुकी हैं। फ़िलवक़्त उत्तरप्रदेश की वज़ारती कौंसल में तक़रीबन दो दर्जन क़लमदान ख़ाली हैं, जिनके लिए कोई वज़ीर नहीं है। रियास्ती वज़ीर नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी मायावती की वज़ारत कौंसल में दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं।
इनके पास मायावती के बाद सब से ज़्यादा महकमा (क़लमदान) हैं, लेकिन गुज़श्ता दिनों लोक आयुक़्त एन के महरोत्रा ने वज़ीर-ए-आला मायावती को नसीम उद्दीन के ख़िलाफ़ सी बी आई से जांच कराने और इंफ़ोर्समेंट महकमा से जांच कराने की सिफ़ारिश की है। लोक आयवकत ने ये जांच सिर्फ़ नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी के ख़िलाफ़ ही नहीं बल्कि उनकी बीवी हुस्ना सिद्दीक़ी एम एल सी, भाई ज़मीर उद्दीन सिद्दीक़ी उनकी बीवी और बहू के ख़िलाफ़ जांच कराने की सिफ़ारिश की है।
लोक आयुक़्त ने इस सिफ़ारिश पर एक माह के अंदर कार्रवाई करके इससे उनको मतला किए जाने की भी हिदायत दी है। इस असना में लोक आयुक़्त ने रियास्ती वज़ीर फ़हीम उद्दीन सिद्दीक़ी के बेटे अफ़ज़ल सिद्दीक़ी को अमरो बह में गोश्त की फ़ैक्ट्री लगाए जाने के मुआमला में अपने सामने 28फऱवऱी को पेश होने के लिए तलब किया है।