नहरू पर कान्फ्रेंस में मोदी को मदऊना करना तंगनज़री का सबूत: वेंकैया नायडू

वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को पण्डित जवाहर लाल नहरू की यौम-ए-पैदाइश तक़रीब में मदऊ ना करने पर तन्क़ीद करते हुए मर्कज़ी वज़ीरे बराए शहरी तरक़ियात वेंकैया नायडू ने कहा कि इस से पार्टी और उसकी क़ियादत की तंगनज़र ज़हनीयत ज़ाहिर होती है। पण्डित नहरू मुल्क के अव्वलीन वज़ीर-ए-आज़म थे और मोदी मौजूदा वज़ीर-ए-आज़म हैं, इस लिए कांग्रेस को पण्डित नहरू के मौज़ू पर बैन-उल-अक़वामी कान्फ्रेंस में मोदी को मदऊ करना चाहिए था।

जबकि मुख़्तलिफ़ ममालिक के क़ाइदीन को दावत दी गई है। कांग्रेस के ज़राए ने कहा कि बी जे पी के या उसकी हलीफ़ पार्टीयों के किसी भी क़ाइद को 17 नवंबर से शुरू होने वाली दो रोज़ा बैन-उल-अक़वामी कान्फ्रेंस में मदऊ नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस का मक़सद नहरू के विरसे और उन के दुनिया के बारे में नज़रिया को आगे बढ़ाना है।

एन सी पी क़ाइद मजीद मैमन ने कहा कि कांग्रेस को अख़लाक़ी तौर पर वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को बैन-उल-अक़वामी कान्फ्रेंस में मदऊ करना चाहिए था। ऐसा करना बेहतर होता। में नहीं जानता कि कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया। ताहम शायद वो मोदी मुख़ालिफ़ है।