नहर खोदकर क़तर को क्यों खारी देशों से अलग करना चाहता है सऊदी अरब?

खाड़ी देशों के बीच चल रहे विवाद के बीच सऊदी अरब के इस कदम के बाद और विवाद बढ़ सकता है। दरअसल सऊदी अरब ने अपने पड़ोसी देश कतर को अलग-थलग करने के लिए एक नहर खोदने की योजना तैयार की है।

खाड़ी देश के एक अधिकारी ने कहा कि इसके जरिए कतर को एक द्वीप की तरह बनाने की योजना है ताकि उसका सऊदी अरब के साथ जमीनी संपर्क न रह सके। बता दें कि सऊदी अरब, यूएई और बहरीन का कतर के साथ बीते करीब 14 महीनों से विवाद चल रहा है। इन तीनों ही देशों ने कतर के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए हैं।

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के वरिष्ठ सलाहकार सऊद अल-काहतानी ने कहा, ‘मुझे सल्वा आइलैंड प्रॉजेक्ट के लागू होने का बेसब्री से इंतजार है। यह एक महान प्रॉडेक्ट है। इस ऐतिहासिक परियोजना से क्षेत्र का पूरा भूगोल ही बदल जाएगा।’ यदि सऊदी अरब के इस प्लान पर काम पूरा होता है कि कतर प्रायद्वीप सऊदी जमीन से अलग हो जाएगा।

सऊदी, यूएई, बहरीन और इजिप्ट ने जून, 2017 में कतर के साथ अपने कूटनीतिक संबंध समाप्त कर लिए थे। इन चारों ही देशों ने कतर पर आरोप लगाया था कि वह आतंकवाद का समर्थन कर रहा है और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान से करीबी रख रहा है। इन सभी आरोपों को कतर ने खारिज कर दिया था।

बता दें कि अप्रैल में ही सऊदी सरकार के समर्थन वाले सबक न्यूज ने अप्रैल में रिपोर्ट प्रकाशित कर कहा था कि सरकार 60 किलोमीटर लंबी और 200 मीटर चौड़ी नहर बनाने की तैयारी में है ताकि कतर को सऊदी जमीन से अलग-थलग किया जा सके। इस नहर के एक हिस्से को सऊदी अरब न्यूक्लियर वेस्ट फैसिलिटी के तौर पर इस्तेमाल करने पर भी विचार कर रहा है।