उज्जैन: बीजेपी शाशित राज्य मध्य प्रदेश के बड़नगर स्थित जाफला गांव में एक दलित दूल्हे का घोड़े पर बैठकर बैंडबाजों के साथ बारात ले कर निकलना गांव के सवर्णों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने दलित युवक की बारात रुकवा कर उसे घोड़ी से उतार कर डरा-धमका कर भगा दिया.
सवर्णों का कहना था कि गांव में अभी तक किसी दलित की बारात बैंडबाजे और घोड़े पर नहीं निकली है, आज भी नहीं निकलेगी. इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, जिस के बाद पुलिस बल की मौजूदगी में बारात निकलवाया गया. मामले में छह आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.
नेशनल दस्तक के अनुसार, थाना प्रभारी विवेक कनोड़िया ने बताया कि जाफला गांव के रणछोड़ पिता रामलाल के बेटे नीरज और बेटी सपना की शादी होनी है. सोमवार को वर निकासी के दौरान नीरज बैंडबाजों के साथ घोड़ी पर बैठकर नाचते रिश्तेदारों के साथ निकला था. कुछ दूर पहुंचने पर गांव के जालमसिंह, रघुनाथसिंह आदि ने दलित वर को यह कहते हुए रोक दिया कि उनके गांव में किसी दलित का घोड़ी और बाजे के साथ बाना नहीं निकला है. इस लिए इन्हें घोड़ी पर सवार होकर नहीं निकलने दिया जाएगा.
मामले की सूचना पर एसडीएम अवि प्रसाद, तहसीलदार सुदीप मीणा एवं थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में दलित का प्रोसेशन निकलाया गया. पुलिस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 एवं नियम, 1995 के अंतर्गत छहों आरोपियों पर केस दर्ज किया है.
जानकारी के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने पुलिस से अगले तीन दिनों तक गांव की गश्त लगाने के निर्देश दिया है.