परवीन अमानुल्लाह ने बुध को वजीरे आला नीतीश कुमार से मिल कर वज़ीर ओहदे से अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे वजीरे आला ने देर शाम गवर्नर के पास भेज दिया। वजीरे आला रिहाइशगाह से लौटने के बाद मिसेस अमानुल्लाह ने एसेम्बली सदर उदय नारायण चौधरी को एसेम्बली की रुकनीयत से अपना इस्तीफा सौंपा और फिर जदयू की रुकनीयत से भी इस्तीफा दे दिया।
दोपहर में अपने सरकारी रिहाइशगाह पर लौटने के बाद मिसेस अमानुल्लाह ने हुकूमत पर जम कर हमला बोला। कहा, सरकारी कामकाज में शफ़ाफ़ियत नहीं रह गयी है। रियासत में बदउनवानी उरोज़ पर है। आवाम इससे परेशान है।
आवाम की सुनी नहीं जा रही है, बल्कि आवाम पर ही बदउनवानी का इल्ज़ाम लगा दिया जाता है। किस पार्टी के साथ जुड़ेंगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दो से तीन दिनों में सबको इसका पता चल जायेगा। उन्होंने लोकसभा इंतिख़ाब लड़ने का भी इशारा दिया।
तकरीबन आधे घंटे की मुलाकात में नीतीश कुमार ने उनसे हुकूमत में लौट आने की दरख्वास्त की। लेकिन, वह नहीं मानीं। अमानुल्लाह ने बताया कि वजीरे आला ने उनसे कहा कि आप बेहतर काम कर रही थीं, ऐसा क्या हो गया कि आपने हुकूमत से बाहर जाने का फैसला ले लिया। इस पर मैंने कहा कि मैंने वापस लौटने के लिए इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं। मैं विदाई के लिए गयी थी।
यह पूछे जाने पर कि आपकी पसंद भाजपा होगी या ‘आप’, परवीन ने कहा, इसका खुलासा दो से तीन दिनों में हो जायेगा। पर, मैं जदयू के ऑप्शन पर गौर कर रही हूं। मुझे बेहतर बिहार बनाना है। इसी सिम्त मैं आगे बढ़ रही हूं। ऑप्शन का खुलासा करने के रिक्वेस्ट पर उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर भी इस तरह का इस्तेमाल हो चुका है। बिहार को ‘स्टेटस को’ की हालत से बाहर निकालना है। हम बेहतर बिहार के लिए काम करेंगे।