नहीं मिला 38 करोड़ का हिसाब

धनबाद 28 मई : जिला कोंसिल बोर्ड की बैठक में पीर के दिन फिर हंगामा हुआ। अरकान ने डीडीसी-शरीक-जिला कोंसिल सेक्रेटरी रतन कुमार गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें तरक्की मुखालिफ बताते हुए उनके तबादले की मांग की। हंगामा तब शुरू हुआ जब आरकिन ने जानना चाहा कि 25 मार्च को बोर्ड की बैठक के दौरान सरकारी कामकाज में रुकावट पैदा करने वाले तीन मुलाज़िमों की बरखास्तगी हो गयी? जब बताया गया कि कुछ नहीं हुआ तो आरकिन मुश्तायिल हो गये और खड़े होकर नारे लगाने लगे।

जब डीडीसी ने बताया कि बोर्ड के फैसले के बाद उन्होंने फाइल में साइन कर दिया है लेकिन सदर ने नहीं किया है तब रुकन थोड़ा पुर्श्कुं हुए। इसके बाद रुकन 38 करोड़ का हिसाब मानने लगे।

यह रकम 2010-13 के दौरान खर्च की गयी है। डीडीसी ने बताया कि जिला इंजीनियर बीमार हैं तो वे लोग फिर हंगामा करने लगे। कहने लगे कि एक ओहदेदार के बीमार रहने पर दूसरे अफसर को उनके काम की जिम्मेवारी क्यों नहीं दी गयी। यूनियन क्लब के एफ्तेताह में डीडीसी के हिस्सा लेने पर भी आरकिन ने नाराजगी जाहिर की। कहा कि उसका भाड़ा अब तक क्यों नहीं बढ़ाया गया। बैठक जिला कोंसिल के एडिटोरियम में हुई। सदारत जिला कोंसिल सदर माया देवी ने की। ओपेरशन सेक्रेटरी रतन कुमार गुप्ता ने किया।

ये थे मौजूद

नायब सदर संतोष कुमार महतो, असेंबली रुकन फूलचंद मंडल, एमपी पीएन सिंह के नुमय्न्दे के तौर में नितिन भट्ट, एमपी संजीव कुमार के नुमाय्न्दे के तौर पर वजीर दां, असेंबली रुकन मन्नान मल्लिक के नुमाय्न्दे के तौर में अनंत नाथ सिंह और तमाम रुकन।