नाइजीरियाई मुस्लिम संगठनों ने उठाई आवाज़- ‘फलस्‍तीनीयों पर इजरायली जुल्म बंद करना होगा’

एक नाइजीरियाई मुस्लिम समूह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीनियों के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए अमेरिका और इज़राइल पर दबाव डालने के लिए कहा है।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, मुस्लिम जागरूकता इंटरनेशनल के चीफ अब्दुल वाहिद ओतैबी ने बताया कि, “70 साल में लाखों फिलीस्तीनी लोगों को अपने घरों से निकाल दिया गया और अब वह शरणार्थियों की तरह रह रहे है। उ

न्होंने हाल ही में हुए इजराइल द्वारा गाजा बॉर्डर पर हिंसा के लिए इजराइल की कड़ी निंदा की। साथ ही यूनाइटेड नेशन से इजराइल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

उन्होंने आगे कहा कि, “सामान्य रूप से इज़राइली सरकार, मानवता के खिलाफ अपने अनिश्चित अपराधों की रक्षा के लिए धोखाधड़ी, झूठ और झूठी कथाओं का इस्तेमाल कर फिलिस्तीनियों पर ज़ुल्म कर के उनसे उनकी ज़मीनें छीन रहा है।

जानकारी के मुताबिक, ओतैबी ने कहा कि तेल अवीव से अमेरिकी दूतावास को जेरूसलम में शिफ्ट करने वाले फैसले ने फिलिस्तीनियों के साथ-साथ दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

उन्होंने फिलिस्तीनियों के साथ “स्पष्ट एकजुटता” दिखाने के लिए तुर्की नेता रेसेप तय्यिप एर्दोगान की प्रशंसा की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया की भी सराहना की जिन्होंने फिलिस्तीनियों की मातृत्व पर अपने विरोध प्रदर्शन किए हैं।

“पूरी दुनिया तुर्की की महान भूमिकाओं पर एर्दोगान का शुक्रिया कर रही है. हम अपनी नींद से उठने के लिए अरब लीग से आह्वान करते हैं और गिने जाने वाले देशों के चरणों का पालन करते हैं।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के अत्याचारों की प्रतीकात्मक आलोचना से परे जाने और इज़राइल और उसके सहयोगियों को अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करने के लिए उचित प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है।