नाईजीरिया से वापिस हैदराबादी अबोला से मुतास्सिर नहीं

महिकमा-ए-सेहत के हुक्काम ने अफ़्रीक़ी मुल्क नाईजीरिया से हाल ही में वापिस होने वाले हैदराबाद के एक 52 साला शख़्स के नमूनों के मुआइना के बाद तौसीक़ की है के ये शख़्स अबोला से मुतास्सिर नहीं है।

तमाम मुआइने मनफ़ी पाए गए हैं। दिल्ली के इदारा ने नमूनों की तफ़सीली जांच के बाद तौसीक़ की के ये शख़्स मुतअद्दी मर्ज़ से मुतास्सिर नहीं है। मौसूला इत्तेलाआत में कहा गया था कि उस शख़्स के नमूनों को लेबारेटरी रवाना कर दिया गया है।

मोहलिक-ओ-मुतअद्दी वबा अबोला से बचने के लिए एहतियाती इक़दामात के तौर पर ये मुआइना किया गया। ये शख़्स बुख़ार से मुतास्सिर था और हैदराबाद के एक कॉरपोरेट हॉस्पिटल में अपना ईलाज करवाया था।

अब उस को सरकारी गांधी हॉस्पिटल मुंतक़िल कर दिया गया है। अबोला जैसी मुतअद्दी वबाओं के ईलाज-ओ-तशख़ीस के नूडल ऑफीसर डाक्टर के सभा कर ने कहा कि आलमी इदारा-ए-सेहत (डब्लयू एच ओ) के मुक़र्रर करदा ज़ाबता और तशरीहात के मुताबिक़ ये हैदराबादी शख़्स अबोला से मुतास्सिर नहीं है हत्ता कि वो मुश्तबा मरीज़ भी नहीं है।