नाक़ाबिल तलाफ़ी तज़ादात जे डी यू । एन डी ए तर्क-ए-ताल्लुक़ की वजह

सख़्त गीर हिंदूतवा एजंडा , नरेंद्र मोदी की तरक़्क़ी के इमकानी असरात : सी पी आई ऐम
नई दिल्ली 20 जून (पी टी आई) नितीश कुमार हुकूमत के बिहार में ख़त एतेमाद हासिल करने पर तबसरा करते हुए सी पी आई (ऐम) ने आज कहा कि एन डी ए से तर्क-ए-ताल्लुक़ का जे डी यू का फ़ैसला नाक़ाबिल तलाफ़ी तज़ादात का नतीजा था जो जे डी यू के बी जे पी के साथ मौजूद थे।

बी जे पी, आर एस एस के सियासी शोबे की हैसियत से काम करती है। इस ने अपने समाजी कारकुनों को मृतकज़ करने का तरीक़ा नरेंद्र मोदी के उभारने के ज़रीये इख़तियार किया।

इस के माबाद इमकानी असरात में सख़्त गीर हिंदूतवा एजंडे पर शिद्दत से अमलावरी होंगे। सी पी आई (ऐम) के क़ाइद सीताराम यचोरी ने कहा कि बी जे पी इन ख़ुतूत पर ख़ुद को जितना ज़्यादा मृतकज़ करने की कोशिश करेगी, उस की हलीफ़ पार्टीयां इस से उतनी ही कम क़ुरबत रखेंगी।

उसे आइन्दा आम इंतेख़ाबात में हुकूमत तशकील देने के लिए दरकार अक्सरीयत हासिल नहीं होगी। नाक़ाबिल तलाफ़ी तज़ादात ही मौजूदा सियासी तरीका-ए-कार की वजह हैं।

सी पी आई (ऐम) के सीनीयर क़ाइद ने कहा कि इत्तिफ़ाक़ की बात है कि एल के आडवाणी को बी जे पी के एतिदाल पसंद और फ़राख़दल चेहरे के तौर पर पेश किया जा रहा है।

हालाँकि ये उनकी रथ यात्रा ही थी जिस ने अपने पीछे एक खूँरेज़ लकीर फ़िर्कावाराना फ़सादाद की सूरत में छोड़ी थी और फ़िर्कावाराना सफ़ बंदी को ख़तरनाक सतह तक पहुंचा दिया था।

जम्हूरीया हिन्दुस्तान की सैकूलर जम्हूरी बुनियादों को संगीन ख़तरा लाहक़ होगया था। ईसी के नतीजे में 1992 में बाबरी मस्जिद शहीद हुई। ताहम सीताराम यचोरी ने निशानदेही की कि तरक़्क़ी पसंद जे डी (यू) का एन डी ए का साथ देना बी जे पी में मोदी के मसले पर दाख़िली नाराज़गियों और यू पी ए हुकूमत के अक़ल्लीयत में आ जाने की वजह से नामुमकिन होगया था।

एन डी ए ने अवाम की अक्सरीयत के मुश्किलात-ओ-मसाइब से ख़ुद को अलग थलग करलिया है। यू पी ए अपनी दूसरी मीयाद में अक़ल्लीयत में आगई है। एन सी पी के सिवाए दीगर तमाम हलीफ़ पार्टीयां इस से दूर होचुकी हैं।