जर्मन में ज़राए इबलाग़ के मुताबिक़ म्यूनख़ से 1500 नादिर फ़न पारे बरामद हुए हैं जिन्हें नाज़ियों ने क़ब्ज़े में लिया था। जरीदा फ़ोकस के मुताबिक़ इन फ़न पारों को 1930-40 के दौरान क़ब्ज़े में लिया गया था और उन में शहरा आफ़ाक़ मुसव्विर पिकासो, चागल और मीट्सी के फ़न पारे भी शामिल हैं।
अगर हुक्काम की जानिब से तसदीक़ हो जाती है तो ये अब तक लूटे हुए फ़न पारों के मिलने का सब से बड़ा वाक़िया होगा। इन में से कुछ के बारे में कहा जाता है कि नाज़ियों ने उन को अबतर क़रार दिया था जबकि दीगर को लूटा गया या यहूदीयों से ज़बरदस्ती ख़रीदा गया था।
होलू कास्ट के यादगारी अजाइब घर के मुताबिक़ नाज़ियों ने कम अज़ कम 16,000 फ़न पारों को क़ब्ज़े में लिया था। नाज़ी दौर में तक़रीबन तमाम जदीद आर्ट को अबतर क़रार दे दिया गया था और उस को यहूदी फ़न कह कर पाबंदी लगा दी गई थी।
नाज़ियों ने जर्मनी और दीगर यूरिपीय मुल्कों में दूसरी आलमी जंग से पहले और जंग के दौरान बड़े पैमाने पर फ़न पारे लूटे थे।