नादिर गुल में ग़ैर आबाद मस्जिद पर शरपसंद होर्डिंग की तंसीब

नुमाइंदा ख़ुसूसी-शहर की पुरअमन फ़िज़ा को ख़राब करने के लिए ऐसा मालूम होता है कि मुकम्मल तैय्यारीयां की जा चुकी हैं । तब ही तो शहर में जगह जगह मुस्लिम नौजवानों और ख़वातीन पर हमलों का सिलसिला चल पड़ा है । जिस से अवाम में बेचैनी पैदा होगई है और नवाब पेट में मुस्लमानों का समाजी बाईकॉट किया जा रहा है । वहां मस्जिद की तामीर को रोकने खुले आम धमकीयां दी जा रही हैं ।

ज़िला रंगा रेड्डी के वक़ार आबाद के नवाब पेट मंडल के मौज़ा पलमामड़ी मैं शरपसंदों की जानिब से मौक़ूफ़ा अराज़ी पर मस्जिद की तामीर को रोकने के लिए खुले आम मुस्लमानों को डराया धमकाया जा रहा है । शरपसंदों की जुरात इतनी बढ़ गई है कि ढंडोरा पीट कर ऐलान किया जा रहा है । शर अंगेज़ और दिल आज़ार नारे लगाए जा रहे हैं कि मुस्लमानों को इस गावं में चैन से रहने ना दिया जाएगा ।

यह एक वाक़िया ख़तरा की घंटी नहीं है इस के इलावा दूसरी तरफ़ नादिर गुल के क़रीब एक गावं में आदि बटला मुक़ाम पर जो शहर से सिर्फ 25 केलो मीटर दूर वाक़्य है आलमगीर ग़ैर आबाद मस्जिद में शरपसंदों ने 10×10 लंबा चौड़ा होर्डिंग लगा दिया है । जिस की वजह से मुस्लमानों में बेचैनी और इज़तिराब पैदा होगया है । माहौल मुकद्दर होता जा रहा है ।

इस मुक़ाम पर हालाँकि मुस्लमानों के चंद ही मकानात हैं । एक तो मस्जिद में नमाज़ की इजाज़त नहीं दी जा रही है । दूसरी तरफ़ मस्जिद पर इतनी बड़ी होर्डिंग शरपसंदों ने लगा कर मुस्लमानों के जज़बात को ठेस पहुंचाई जा रही है । होर्डिंग को पुलिस अगर चाहे तो निकाल सकती थी लेकिन वो भी ख़ामोश है जिस से उन अश्रार के हौसले बुलंद होरहे हैं । यहां इस मुक़ाम पर इस होर्डिंग को फ़ोरा निकालने और इस के लगाने वालों के ख़िलाफ़ केस बुक करने की ज़रूरत है । इन अनासिर पर भी सख़्त नज़र रखना भी ज़रूरी होगया है ।

वक़्फ़ बोर्ड को भी चाहीए कि मुक़ाम वारदात का फ़ोरा दौरा करे मस्जिद की दाग़ दोज़ी के इलावा उस की हिसारबंदी करे । मस्जिद को आबाद करने की मुक़ामी मुस्लमानों को पुलिस से इजाज़त दिलाए और एक मस्जिद कमेटी तशकील दे कर मस्जिद कमेटी के हवाला करे ताकि मुक़ामी लोग मस्जिद की निगरानी मूसिर अंदाज़ में करसकें । इस शरपसंदी से ये अंदाज़ा तो बह आसानी किया जा सकता है कि इन अनासिर ने आने वाले दिनों में हालात बिगाड़ने का इरादा करलिया है बल्कि तै करलिया है ।

अब हुकूमत की ज़िम्मेदारी है कि हर सूरत में हालात को बिगड़ने ना दे हालात को पूरी तरह क़ाबू में रखे और क़ाबू रखने के लिए ज़रूरी इक़दामात करे । इस बात का पता चलाने की भी ज़रूरत है कि आख़िर इस के पीछे मास्टरमाइंड कौन है जो शहर के इलावा ज़िला रंगा रेड्डी में मासूम ग़ैर मुस्लिम भाईयों के ज़हनों को ख़राब कररहा है । आपस में नफ़रत और दूरियां पैदा करने की मज़मूम कोशिश कररहा है । पुलिस अगर फ़ौरी तौर पर मुट्ठी भर बदमाशों को गिरफ़्तार करे और सख़्त वज़ाहत के तहत कार्रवाई करे तो अभी देर नहीं हुई है ।।