नाफ़रमान औलाद को राह रास्त पर लाने इस पी से शिकायत

हमें चार जवान बेटे हैं जिन में तीन बेरोज़गार और एक सरकारी मुलाज़िम है और मेरी उम्र उस वक़्त 70 साल है और मैं वो बदनसीब माँ हूँ जो चार जवान बेटों के होने के बावजूद बे यार-ओ-मददगार ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर हूँ, अब हमारे पास ख़ुदकुशी के इलावा कोई रास्ता नहीं है।

ये एक बेबस माँ की फ़र्याद है। ज़िला रूरल एस पी राजा कुमारी के अवाम से मुलाक़ात प्रोग्राम में पेश की गई अपनी दरख़ास्त में ये बात कही। तानडोर की साकिन लकशमया ने अपने शौहर शिव शंकर के हमराह रूरल एस पी से मुलाक़ात करते हुए अपील की कि इन की औलाद को एहसास दिलाया जाय।