नाबालिग से दुष्कर्म कांड : सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द, जेल में ही रहेंगे राजबल्लभ

नयी दिल्ली : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित विधायक राजबल्लभ प्रसाद को जेल में ही रहना होगा. राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाइकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दी. न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एएम सापरे के पीठ ने कहा कि उन्होंने बिहार सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया है.

इस अपील में राजबल्लभ को इस साल 30 सितंबर को पटना हाइकोर्ट की ओर से दी गयी जमानत रद्द करने का अनुरोध किया गया था. इससे पहले शीर्ष अदालत ने आठ नवंबर को हाइकोर्ट का आदेश निलंबित करते हुए राजबल्लभ को बिहारशरीफ की निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने को कहा था. राजबल्लभ ने निर्देश का पालन किया था. शीर्ष न्यायालय ने निचली अदालत को यह निर्देश भी दिया था कि वह पीड़िता का बयान दो सप्ताह में दर्ज करे. न्यायालय ने राजबल्लभ से किसी भी तरह से दखल नहीं देने के लिए कहा था. न्यायालय ने पहले राजबल्लभ की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पीड़िता को निचली अदालत के समक्ष पेश किये जाने तक बिहार से बाहर रहने का अनुरोध किया था.

न्यायालय का मानना था कि जब तक पीड़िता निष्पक्ष ढंग से और बिना किसी डर के अपना बयान दर्ज नहीं करा लेती, तब तक राजद के विधायक को जेल में रहना चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि वह लड़की की सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित है.

यादव ने इस साल छह फरवरी को बिहारशरीफ स्थित अपने आवास पर नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था. वह काफी समय तक गिरफ्तारी से बचते भी रहे. जब एक स्थानीय अदालत की ओर से उन्हें भगोड़ा घोषित करने और संपत्तियों को कुर्क करने का नोटिस जारी किया गया तब विधायक ने एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.