नामपली क्रीमिनल कोर्ट के बाहर गाड़ीयों की पार्किंग से मसाइल

हैदराबाद२८। मार्च : ( सियासत न्यूज़ ) : नामपली कोर्ट के क़रीब ट्रैफ़िक रोज़ कामामूल है और अदालत आने वालों के लिए ज़बरदस्त मसला बनी हुई है । वुकला और मुक़द्दमात से जुड़े अफ़राद के लिए वक़्त पर अदालत पहूंचना जोई शेर लाने से कम नहीं है । इस मसला को हल करने पर कोई तवज्जा नहीं दी जा रही है । हालाँकि मुक़ामी अवामवुकला और मुक़द्दमात से जुड़े अफ़राद बारहा तवज्जा दिला चुके हैं ।

आम तौर पर अदालत की कार्रवाई दस बजे दिन शुरू होती है । अगर कोई वकील या मुक़द्दमा का कोई फ़रीक़अदालत पहूंचना चाहे तो फ़ासिला के लिहाज़ से और भारी ट्रैफ़िक से गुज़र कर अदालत पहूंचने में उसे घंटा दीढ़ घंटा की ताख़ीर होजाती है । नामपली कोर्ट तक जाने वाले हर रास्ता पर भारी ट्रैफ़िक रहती है उन रास्तों से अदालत तक पहूंचना भी एक कमाल ही कहलाएगा । अदालत जाने के लिए एक रास्ता लक्कड़ी का पुल क्रास रोड की तरफ़ से और दूसरा रास्ता नामपली की तरफ़ से है जो हमेशा गाड़ीयों से पट्टा रहता है । अदालत के बाहर चालीस फुट की सड़क के निस्फ़ हिस्सा पर दोनों तरफ़ पार्क की गई गाड़ीयों का क़बज़ा रहता है । गाड़ीयों की बढ़ती तादाद के साथ ट्रैफ़िक बेहंगम होती जाती है ।

मुसीबत उस वक़्त और भी बढ़ जाती है जब किसी बदनाम-ए-ज़माना शख़्स या आई ए ऐसऑफीसर वाई लक्ष्मी जैसे ओहदेदार की पेशी मुक़र्रर हो । मीडीया ख़ासकर अलकटरानक मीडीया के अफ़राद अपनी वयानस और गाड़ीयों के ज़रीया रास्ता को घेर लेते हैं और ट्रैफ़िक जाम हो कर रह जाती है । ऐसे में कोई ऐडवोकेट और मुक़द्दमात की पैरवी करने वाले किस तरह अदालत तक पहूंच पाएंगे उन के बरवक़्त अदालत में ना पहूंचने का नतीजा ये होता है कि समाअत मुल्तवी करदी जाती है ।

पेशी तबदील होजाती है और मुक़र्ररा वक़्त हाज़िर ना होने पर फ़रीक़ के ख़िलाफ़ वारंट जारी होजाता है । वुकला ने राय ज़ाहिर की कि पार्किंग के लिए कुशादा जगह मुहय्या की जानी चाहीए और कोर्ट में दो रास्ता बनाना चाहीए एक रास्ता वुकला और मुक़द्दमा के फ़रीक़ैन के लिए और दूसरा रास्ता जजस और पुलिस वालों के लिए होना चाहीए । अदालत में एक और गेट ज़रूरी है ताकि ट्रैफ़िक का बहाव‌ आसान हो सके । नामपली कोर्ट में 32 ज़ेली अदालतें हैं और यहां रोज़ाना तीस हज़ार अफ़राद आते हैं ।