नामवर क़ानूनदां शम्शुल हुदा शम्सशमशुजुहा शेख़ (Advocate Shamsulhoda Shamsudoha Shaikh)नायब सदर जमईतुल उल्मा ए मालेगाँव जिन्होंने शम्स मुक़ामी वुकला की एक टीम की क़ियादत करते हुए मालेगाँव धमाके मुक़द्दमा में माख़ूज़ मुल्ज़िमों की ज़मानत पर रिहाई का मुतालिबा किया था। आज शाम मालेगाँव में इंतेक़ाल कर गए। इन की उम्र 67 साल थी। वो क़लब पर हमला के मरीज़ थे। क़ब्लअज़ीं उनकी बाई पास सर्जरी और एन जी ओ प्लास्टी की गई थी। वो गुज़शता चंद माह से अलील थे।
ताहम आज नमाज़ जुमा के लिए मस्जिद गए थे। वो अपने समाजी कामों और शरई क़ानून में महारत रखने की बिना पर शोहरत रखते थे। गुज़श्ता 30 साल से वो मालेगाँ ला कालेज में तदरीस की ख़िदमात अंजाम दे रहे थे और पुने यूनीवर्सिटी में क़ानून शरीयत का शोबा क़ायम करने के पसेपर्दा उन की कोशिशें कारफ़रमा थीं। वो मालेगाँव बलदिया के मुशीर क़ानूनी और मनमाड़ मजलिस बलदिया के मुशीर क़ानूनी भी थे।
वो मालेगाँ ईदगाह के ट्रस्टी और तामीरी महाज़ के सदर नशीन के इलावा चंद तालीमी इदारों के रुकन भी थे।
सदर कांग्रेस सोनीया गांधी पहले ही वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को इंतेख़ाबी नताइज की बिना पर तब्दील करने के इम्कानात मुस्तर्द कर चुकी हैं। इस सवाल पर कि क्या क़ाइदीन के फ़ुक़दान की बिना पर यू पी इंतेख़ाबात में पार्टी को नाकामी हुई। सोनीया गांधी ने जवाब देते हुए कहा था कि इसके बरअक्स क़ाइदीन की कसरत और कारकुनों की क़िल्लत इंतेख़ाबी नाकामी की वजह है।
अनक़रीब कई रियास्तों बिशमोल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जारीया साल और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आइन्दा साल और लोक सभा इंतेख़ाबात वस्त 2014 में मुक़र्रर हैं। पार्लीमेंट 30 मार्च के बाद 3 हफ़्तों का वक़फ़ा लेगी और इम्कान है पार्टी हुकूमत में इसी वक़्फ़ा के दौरान तब्दीलीयां कर सकती है।