नामूस रिसालत सल्लललाहु अलैहि वसल्लम का तहफ़्फ़ुज़ हर मुस्लमान का अव्वलीन दीनी फ़रीज़ा

हैदराबाद 14 दिसंबर: नामूस रिसालत सल्लललाहु अलैहि वसल्लम का अपनी जान पर खेल कर भी तहफ़्फ़ुज़ हर मुस्लमान का अव्वलीन दीनी फ़रीज़ा है और जो कोई इस फ़रीजे की अदायगी में मस्लिहत का शिकार होजाता है, वो ख़ुद को मुहिब रसुल सल्लललाहु अलैहि वसल्लम या आशिके रसूल सल्लललाहु अलैहि वसल्लम कहने का क़तई हक़ नहीं रखता। कोई उस वक़्त तक मोमिन नहीं हो सकता जब तक उसे अपने माल-ओ-मता, वालिदैन, औलाद और अपनी जान से ज़्यादा नबी करीम सल्लललाहु अलैहि वसल्लम से मुहब्बत ना हो।

उत्तरप्रदेश में हुई शाने रिसालत सल्लललाहु अलैहि वसल्लम में गुस्ताख़ी के ख़िलाफ़ शहरे हैदराबाद जमीअत उलेमा हिंद आंध्र प्रदेश-ओ-तेलंगाना की तरफ से एक ज़बरदस्त एहतेजाजी धरना-ओ-रैली इंदिरा पार्क के क़रीब मुनज़्ज़म की गई। इंदिरा पार्क का ये इलाक़ा नारे तकबीर यारसूल सल्लललाहु अलैहि वसल्लम! हम शर्मिंदा हैं, आपके गुस्ताख ज़िंदा हैं, गुस्ताखे रसूल सल्लललाहु अलैहि वसल्लम की एक सज़ा सर तन से जुदा और कमलेश तीवारी को फांसी दो जैसे नारों से गूंज उठा।

इस एहतेजाजी धरने में मुख़्तलिफ़ तन्ज़ीमों के ज़िम्मेदार-ओ-उलमाए किराम की कसीर तादाद मौजूद थी। इस एहतेजाजी धरने में शरीक महबान रसूल सल्लललाहु अलैहि वसल्लम से ख़िताब करते हुए उलमाए किराम ने ये वाज़िह किया के उमत मुस्लिमा सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन नबी सल्लललाहु अलैहि वसल्लम की शान में गुस्ताख़ी पर ख़ामोश तमाशाई नहीं रह सकती।

हिन्दुस्तान में मुसलमानों के मज़हबी जज़बात से खिलवाड़ और शाने रिसालत सल्लललाहु अलैहि वसल्लम में गुस्ताख़ियों के ज़रीये उन के सब्र का इमतेहान लिया जा रहा है। अगर यही सूरते हाल रही तो मुल्क का अमन बरक़रार रहना दुशवार हो जाएगीगा।

मौलाना हाफ़िज़ पीर शब्बीर अहमद ने अपने ख़िताब के दौरान ना सिर्फ कमलेश तीवारी को सज़ा का मुतालिबा किया बल्कि साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर फाइनैंस पी चिदम़्बरम की तरफ से मलऊन सलमान रशदी की किताब शैतानी कलिमात पर आइद करदा पाबंदी को ग़लत क़रार दिए जाने को भी शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाया।

उन्होंने हिन्दुस्तान में तस्लीमा नसरीन के क़ियाम को दी जाने वाली तौसीअ पर नुक्ता-चीनी करते हुए कहा कि आज जिस सूरते हाल का हम सामना कर रहे हैं ,इस की वजह तस्लीमा नसरीन के क़ियाम को बर्दाश्त करते हुए ख़ामोशी इख़तियार करना है।

उन्होंने बताया कि अगर कमलेश तीवारी को सख़्त सज़ा नहीं दी जाती है तो एसी सूरत में निज़ाम कॉलेज ग्राऊंड पर एक ज़बरदस्त एहतेजाजी जल्सा-ए-आम मुनाक़िद किया जाएगा। क़ब्लअज़ीं सदर जमहूरीया हिंद के क़ियाम हैदराबाद के दौरान उन से मुलाक़ात करते हुए नुमाइंदगी और याददाश्त पेश करने के लिए वक़्त तलब किया जाएगा। वक़्त ना दिए जाने पर राष्ट्रपति निलयम पर एहतेजाजी धरना मुनज़्ज़म किया जाएगा।