पटना 19 मई : राजद की “परिवर्तन रैली” में दिये गये तकरीर के दौरान अल्सेशियन कहे जाने के बाद बयानबाजी का दौर नहीं थम रहा। जदयू ने राजद कायदिनों को कहा है कि अगर अल्सेशियन का मतलब वफादार होता है, तो क्यों नहीं राजद के सभी लीडर अपने नाम के आगे इस शब्द को जोड़ लेते हैं।
ट्रांसपोर्टर मरहूम सत्येंद्र सिंह की बीवी लक्ष्मी सिंह के साथ सूबे के दफ्तर में सहाफियों से बातचीत में पार्टी तर्जुमान शरीक विधान पार्षद संजय सिंह ने राजद कायदिनों में खास कर विजय कृष्ण को आड़े हाथ लिया। तर्जुमान ने कहा कि हमें राजद कायदिनों के जेनरल नॉलेज पर तरस आता है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक अल्सेशियन का मतलब पुलिस के तहकीक में काम करनेवाला एक बड़ा कुत्ता होता है।
जदयू तर्जुमान राजीव रंजन प्रसाद के यहां इनकम टैक्स की छापेमारी हुई, तो उन्होंने अस्ताफी दे दिया। पूरा मामला जब साफ हुआ, तो वे फिर से पार्टी में तर्जुमान बनाये गये। वहीं, राजद ने क़त्ल के मुलजिम और जेल की सजा काट चुके विजय कृष्ण को तर्ज़ुकन बना दिया। क्षत्रिय समाज का तर्जुमान उस किरदान का आदमी कैसे हो सकता है।
नश्ली कशीदगी की बात राजद कायदिनों को करने का हक नहीं है। 15 सालो तक नश्ली कशीदगी और मुजरिमाना वाकियात का बोलबाला रहा। मौजूदा नेज़ाम हुकूमत में फिरकावाराना हम अहंगी कायम हुआ है । वहीं, जदयू के लक्ष्मी सिंह ने विजय कृष्ण के बारे में कहा कि जो अपना खानदान संभाल नहीं सकता, वह समाज की बात क्या करेगा। सबसे ज्यादा एतेमाद उन पर था, लेकिन शौहर के क़त्ल कराने में जरा भी देर नहीं की।