नायडू का मुहतात रद्द-ए-अमल ,नागेश्वर से मुशावरत

मसला तेलंगाना पर मर्कज़ की तरफ़ से 28 दिसमबर को नई दिल्ली में तलब करदा मीटिंग में सिर्फ़ एक ही नुमाइंदा को रवाना करने तेलगुदेशम पार्टी के एलान के बाद दूसरी जमाअतें भी इस मसले पर मुहतात रवैया इख़तियार कररही हैं ।

तेलगुदेशम पारलीमानी पार्टी के लीडर नामा नागेश्वर राव‌ ने कहा कि मुजव्वज़ा मीटिंग में उन की पार्टी सिर्फ़ एक ही नुमाइंदा रवाना करते हुए अपना मौक़िफ़ वाज़िह करेगी ।

उन्हों ने कांग्रेस पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो 9 दिसमबर के वाअदे की पाबंद नहीं रही और मसला तेलंगाना पर टाल मटोल का रवैया इख़तियार कररही है ।

तजज़िया निगारों का ख़्याल है कि नागेश्वर राव‌ ने अपनी पार्टी के सदर एन चनदाराबाबो नायडू से मुशावरत के बाद ही ये बयान दिया होगा ।

कांग्रेस के एक सिनयर लीडर ने कहा कि अगर तेलगुदेशम पार्टी अलहदा तेलंगाना की वाज़िह हिमायत की होती तो मर्कज़ी हुकूमत क़तई फैसला करने पर मजबूर होसकती थी । बावर किया जाता है कि रियासत की मौजूदा गे रेकीनी सूरत-ए-हाल को मल्हूज़ रखते हुए तेलगुदेशम पार्टी ने ये फैसला किया है जिस का मक़सद अलहदा रियासत के ज़िमन में मर्कज़ पर अपनी मर्ज़ी मुसल्लत करता है ।

तजज़िया निगारों का ख़्याल है कि तेलगुदेशम पार्टी ये ताक़तवर पैग़ाम देना चाहती है कि वो आंध्र प्रदेश की तक़सीम यह अलहदा तेलंगाना के क़ियाम की मुख़ालिफ़त नहीं है लेकिन इस ज़िमन में फैसला करना मर्कज़ की मर्ज़ी पर मुनहसिर है ।

तेलगुदेशम पार्टी के अलावा वाई एस आर कांग्रेस पार्टी भी अलहदा रियासत की हिमायत करती है तो मर्कज़ को इन जमातों की मर्ज़ी के मुताबिक़ फैसला करना होगा ।