नायब सदर जमहूरिया हामिद अंसारी मशहूर मुअर्रिख़ प्रोफेसर के एन पानीकर की किताब हिस्ट्री इज़ ए साईट आफ़ अस्टरगल की रस्म इजराई अंजाम दी।
इस मौके पर अपने ख़िताब के दौरान उन्होंने कहा मौरर्ख़ीन को ये एज़ाज़ हासिल है कि वो मुख़्तलिफ़ समाजों और गुज़रे हुए ज़मानों का क़ाबिल-ए-फ़हम तजज़िया करते हैं। गुजिश्ता कुछ अर्से में पानीकर ने अपने तारीख़ी मज़ामीन के ज़रिया ये साबित कर दिया है कि वो दौर-ए-हाज़िर के एक अकल मंद हैं।
मज़कूरा किताब 650 सफ़हात पर मुहीत है जिसके बारे में हामिद अंसारी ने कहा कि इस किताब को एक ही नशिस्त में पढ़ कर ख़त्म नहीं किया जा सकता। इस किताब को आहिस्ता आहिस्ता, बाब दर बाब पढ़ने की ज़रूरत है जिस तरह हम लज़ीज़ खाने के हर नवाले से लुत्फ होते हैं।
पानीकर की इस किताब में गुजिश्ता 30 सालों के दौरान तहरीर किए गए उनके मुख़्तलिफ़ मज़ामीन और तजज़ीए मुरत्तिब किए गए हैं।