नायर की दरख़ास्त बराए ताज़ा तहक़ीक़ात हुकूमत के ज़ेर-ए-ग़ौर

हुकूमत ने साबिक़ सदर नशीन इसरो जी माधवन नायर की वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर को दरख़ास्त पर कोई फ़ैसला नहीं किया है। नायर ने ख़ाहिश की है कि इंटर केस । देवास मुआहिदा के पसेपर्दा वजूहात और बादअज़ां ख़रीदारी की अज़सर-ए-नौ तहक़ीक़ात करे। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर में मुमलिकती वज़ीर वी नारायण स्वामी ने पी टी आई से नायर की दरख़ास्त के बारे में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने ये दरख़ास्त हनूज़ नहीं देखी है।

नायर ने एक मकतूब रवाना किया था और इसकी नक़ल ज़राए इबलाग़ के हवाले कर दी। वाज़िह तौर पर उन्होंने मकतूब में अपनी नाराज़गी का इज़हार किया है। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर के वज़ीर ने कहा कि पहले मुझे मकतूब का जायज़ा लेने दीजिए इसके बाद ही कोई फ़ैसला किया जा सकता है।

नायर ने इतवार के दिन अपने ताज़ा तरीन मकतूब में नुक्ता ब नुक्ता उन पर आइद इल्ज़ामात के बारे में वज़ाहत की थी, जिसमें एक जुर्माना का फ़िक़रा भी शामिल किया गया है, जिसके बमूजब अगर महकमा दिफ़ा की ज़रूरीयात की तकमील ना हो सके तो जुर्माना किया जा सकता है। उन्हों ने कहा कि बी के चतुर्वेदी। रोडाम नरसिम्हा कमेटी ने मुआहिदा के तमाम पहलोओं का दिसम्बर 2009 तक जायज़ा लिया था।

नायर ने इनसे ख़ाहिश की थी कि हुकूमत आज़ादाना तहक़ीक़ात दिसम्बर 2009 के बाद करवाना चाहती थी, लेकिन वो नहीं जानते कि इस तहक़ीक़ात का क्या हुआ। नायर ने अपने मकतूब में तहरीर किया है कि उन्हें इत्तेला दी गई थी कि एक सुनहरी मौक़ा खो दिया गया है (क्योंकि मुआहिदा को कुलअदम क़रार दिया गया है)